सीमावर्ती क्षेत्रों में सोलर प्लांट विकसित किए जाएंगे | solar energy
जयपुर (एजेंसी)। पाकिस्तान से सटे राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में हल्की सर्दी का अहसास होने लगा है। जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगांगनगर जिलों में हल्की सर्दी का अहसास होते ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सुरक्षा बढ़ा दी है। वहीं पाकिस्तान से सटी राजस्थान की 1070 किलोमीटर की सीमा पर अब सौर उर्जा से रोशनी (solar energy) फैलाने की कवायद चल रही है। सीमा के निकट खाली पड़ी जमीन पर सौर उर्जा पार्क विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
अगले कुछ दिनों बढ़ाई जाएगी कैमल और व्हीकल पेट्रोलिंग
सीमावर्ती क्षेत्रों में सोलर प्लांट विकसित किए जाएंगे, जहां से बिजली पैदा करके सीधे डेडिकेटेड फीडर्स के माध्यम से फ्लड लाइटों तक पहुंचाई जाएगी। इन इलाकों में फिलहाल जोधपुर विधुत वितरण के माध्यम से बिजली पहुंचाई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हर माह करीब 40 लाख यूनिट बिजली खर्च होती है। इसका मासिक बिल 3 करोड़ तक आता है। राज्य के उर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि पिछले दिनों केंद्रीय उर्जा राज्यमंत्री आर. के. सिंह ने सीमावर्ती इलाकों में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने को लेकर बात की थी।
- बीएसफ की प्रत्येक सीमा चौकी पर 1.5 किलोवाट का ब्रेनी इको सौर इंवर्टर लगाया जाएगा
- जिसमें 500 मेगावाट सोलर पैनल और बैटरी होती है।
- इसके माध्यम से रोशनी के साथ ही दो से तीन पंखे भी चलाए जा सकेंगे।
- कल्ला ने बताया कि केंद्रीय नवीन एवं नवीनीकरण उर्जा मंत्रालय राज्य सरकार के सहयोग से सीमा के निकट खाली पड़ी जमीन पर सौर उर्जा पार्क भी विकसित करना चाहता है।
- इसके लिए राज्य सरकार जमीन उपलब्ध कराने को तैयार है।
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