– टोहाना से चलकर सरसा पहुंची थी महिला परीक्षार्थी
सरसा (सच कहूँ न्यूज)।
एचटेट की परीक्षा देने के लिए टोहाना से सरसा के लार्ड (bridal bangles made in Obstruction in htet exam) शिवा कॉलेज में आई एक परीक्षार्थी को इसलिए परीक्षा से वंचित रहना पड़ा। क्योंकि उसने सुहाग का चूड़ा अपने हाथों में पहना हुआ था। हालांकि परीक्षार्थी व उसके साथ आए अभिभावक के साथ ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने भी परीक्षा नियंत्रक के समक्ष काफी मिन्नतें की। लेकिन उन्होंने एक न सुनी।
जिसके कारण परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गई। टोहाना निवासी परीक्षार्थी भावना ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है। गाय व गीता की बात करती है। लेकिन धर्म की बात करने वाले नेताओं को क्या इस बात का इल्म नहीं है कि हिंदू धर्म में विवाहिताओं के लिए कुछ रीति रिवाज हैं। जिनमें वे बंधी हुई हैं। भावना ने बताया कि कुछ समय पूर्व ही उसकी शादी हुई थी।
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उनके रिवाज हैं कि विवाहित महिलाएं सवा साल तक सुहाग रूपी चूड़े को नहीं उतारती हैं। भावना ने कहा कि चूड़िया किसी आभूषण में नहीं आती और बोर्ड की गाइडलाइन में भी चूडियों का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी उसे परीक्षा से वंचित रखा गया। भावना ने बताया कि गत दिवस भी कई महिलाएं चूड़ी पहनकर परीक्षा देने आई थी। जिन्हें परीक्षा में बैठाया गया था।
फिर उसके साथ ही भेदभाव क्यों? भावना ने कहा कि अगर सरकार वाक्य में ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को सार्थक करना चाहती है तो परीक्षाओं में बेटियों के लिए जो गाइड लाइन है उसे हटाए, ताकि वे बिना किसी समस्या के परीक्षा देकर अपना भविष्य बना सकें। बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार ही परीक्षाएं करवाई जा रही हैं। बोर्ड की ओर से परीक्षा में चूड़िया पहनकर आने के लिए मना किया गया है। वे इसमें कुछ नहीं कर सकते।
-संत कुमार बिश्रोई, डीईओ सरसा।
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