नई दिल्ली (एजेंसी)। ब्रिक्स देशों ने अफगानिस्तान की जमीन का आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने से रोकने और मादक पदार्थों के तस्करी रोकने पर बल दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुए वर्चुअल 13वें ब्रिक्स सम्मेलन के बाद जारी नई दिल्ली घोषणा में अफगानिस्तान संकट को शांतिपूर्ण तरीके से निपटने का आह्नान किया गया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो ने अफगानिस्तान के पंजशीर और अन्य प्रांतों में तालिबान के साथ चल रही लड़ाई के बीच, ‘हिंसा से बचने और शांतिपूर्ण तरीकों से अफगानिस्तान में स्थिति को निपटाने’ का आह्वान किया।
नेताओं ने कहा, ‘हम देश में स्थिरता, नागरिक शांति, कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता को बढ़ावा देने में योगदान करने की आवश्यकता पर बल देते हैं।’ सभी देशों ने पिछले महीने हामिद करजई काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास आतंकवादी हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की। इस हमले में कई लोग मारे गए और कई लोग घायल हो गये थे। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ हमले करने और मादक पदार्थ की तस्करी के लिए नहीं किया जाना चाहिए। वह आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा करते हैं, चाहे वह कभी भी, कहीं भी और किसी के द्वारा किया गया हो। हम मानवीय स्थिति पर ध्यान देने और अल्पसंख्यकों समेत सभी के मानवाधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हैं।
विदेश मंत्रालय के सचिव संजय भट्टाचार्य ने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विचार-विमर्श के दौरान ध्यान दिलाया कि अफगानिस्तान क्षेत्र का इस्तेमाल मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए और न ही पड़ोसियों के लिए समस्या पैदा करना चाहिए। ब्रिक्स सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका के जाने से नया संकट पैदा हो गया है। दुनिया के सामने सुरक्षा की चुनौतियां है।
नई दिल्ली घोषणापत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद से निपटने और आतंकवाद के लिए अनुकूल कट्टरपंथ का मुकाबला करने के संबंध में दोहरे मानकों को खारिज कर दिया है। हम संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के भीतर अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक समग्र संधि को शीघ्र अंतिम रूप देने और अपनाने का आह्वान करते हैं। आतंकवादियों को आर्थिक मदद पर अंकुश लगाने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स और इसके क्षेत्रीय निकायों के भीतर सहयोग का भी आह्वान किया गया।
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