कश्मीर: 28 हजार जवानों की तैनाती का गृह मंत्रालय ने किया खंडन
- पर्यटकों को वापिस जाने की सलाह
- जरूरत के हिसाब से होगी जवानों की तैनाती
- जम्मू कश्मीर पर बड़े फैसले ले सकती है सरकार
नई दिल्ली (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा में आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने ए़़डवाइजरी जारी कर यात्रा पर फिलहाल रोक लगा दी है, यात्रियों को वापस जाने की हिदायत दे दी गई है। दरअसल, सुरक्षा बलों को अमरनाथ यात्रा के रूट पर सर्च आॅपरेशन के दौरान स्नाइपर राइफल मिली है, जिसके बाद यात्रा रोकने का फैसला किया गया
। जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी सुरक्षा एडवाइजरी में कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमलों के इनपुट मिलने और कश्मीर की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए घाटी में तत्काल प्रभाव से सभी तरह की यात्रा पर रोक लगाई जा रही है। अमरनाथ यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्रा को तुरंत खत्म करें और जितनी जल्दी हो सके घाटी को छोड़ दें। उधर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के 28 हजार जवानों की तैनाती की खबर का खंडन किया है।
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती वहां की सुरक्षा की स्थिति और फेरबदल की जरूरत पर आधारित होती है, और ऐसी बातों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की जा सकती। उधर सूत्रों के मुताबिक, स्वतंत्रता दिवस के बाद सरकार जम्मू कश्मीर पर बड़े फैसले ले सकती है। इन फैसलों में विधानसभा चुनाव और ब्लॉक चुनाव भी शामिल है। लेकिन बड़ी खबर ये है कि सुप्रीम कोर्ट में 35ए की सुनवाई के मद्देनजर भी सुरक्षा बल भेजे जाएंगे।
उमर ने ट्वीट में जताई आशंका
जम्मू-कश्मीर की हालिया स्थितियों के बीच शुक्रवार को राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने अपनी आशंका जाहिर की थी। उमर ने अपने ट्वीट में लिखा,’कश्मीर में कौन सी ‘वर्तमान परीस्थिति’ है जिसमें सेना और एयरफोर्स को अलर्ट पर रखने की जरूरत पड़ रही है। यह अनुच्छेद 35ए या परीसिमन निर्धारण से जुड़ा हो ऐसा नहीं हो सकता है। अगर सच में कोई ऐसा अलर्ट जारी हुआ है तो यह अवश्य किसी बिल्कुल अलग सी चीज के लिए होगा।’
एयरफोर्स की मूवमेंट सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा: सूत्र
बता दें कि कश्मीर घाटी में जवानों की अतिरिक्त तैनाती की खबर सामने आने के बाद से ही राज्य में तमाम चचार्एं हैं। खबरों के मुताबिक, सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सेना और एयरफोर्स को हाई आॅपरेशनल अलर्ट पर रहने के निर्देश भी दिए हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में वायुसेना की मूवमेंट नॉर्मल ऐक्टिविटी का हिस्सा हैं। इसके अलावा वायुसेना के मिराज एयरक्राफ्ट पहले ही राज्य के अंदर वायुसेना बेस पर तैनात हैं।