संकटनिजी बसों के सस्ते सफर कारण पीआरटीसी की आमदन में ईजाफा मुश्किल
भटिंडा (अशोक वर्मा)। भटिंडा क्षेत्र में निजी बस मालिकों द्वारा सस्ते में सफर करवाने की चलाई गुप्त योजना ने पीआरटीसी को रगड़े लगाने का इंतजाम कर दिया है। माना जा रहा था कि किराया बढ़ने से पीआरटीसी की आमदन बढ़ेगी, किन्तु इस योजना कारण विभाग को तो कोई लाभ होता दिखाई नहीं दे रहा, उल्टा मालवे में काफी रूट प्रभावित होने के आसार बन गए हैं। माना जा रहा है कि भटिंडा डिपो की बुकिंग को तो झटका लगना तय है। पीआरटीसी के एक कडंक्टर ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर यह उक्त बात को स्वीकारा भी है।
वर्णनीय है कुछ समय से निजी बस चालकों ने अपनी बसों की बुकिंग ही ठेके पर दी हुई है, जिस कारण यह लोग कमाई के लिए सस्ते भाव पर लोगों को सफर करवा रहे हैं। पता चला है कि निजी बस वालों द्वारा मुसाफिरों के साथ मौके पर ही सौदा तय कर लिया जाता है और कम किराए पर ही वह सवारी ले जाते हैं।
बसों की बुकिंग ठेके पर होने के कारण कडंक्टर देने लगे हैं छूट
निजी बस मालिकों की इस नीति के चलते लंबे रूट पर जाने वाली सवारी को खर्च कम पड़ता है। जानकारी अनुसार भोग अथवा शादी पर जाने के लिए एकत्रित हुई सवारियों तथा रोजाना सफर करने वाले मुसाफिरों को विशेष छूट मिलती है। सूत्रों के मुताबिक भटिंडा से चंडीगढ़ चलने वाली निजी ए.सी. बस में 50 रुपयेप्रति सवारी व भटिंडा से लुधियाना तक आम बस में 10 से 15 रुपये प्रति सवारी की छोट दी जा रही है, जबकि अन्य छोटे- मोटे रूटों पर भी कडंक्टर कम पैसे लेते हैं।
भटिंडा से बरनाला रूट पर रोजाना सफर करने वालों को 5 से 10 रुपये तक किराये में छूट मिल जाती है। भटिंडा से चंडीगढ़ तक आम बस का किराया 210 रुपये है, जबकि ए.सी. बस का किराया 320 रुपये है। सफर महंगा होने के कारण सवारी ए.सी. बस में नहीं बैठती, जिस कारण निजी बसों वाले ए.सी. सफर में छूट दे रहे हैं।
किराया बढ़ने से पीआरटीसी की बुकिंग के आसार हुए कम
रामपुरा निवासी हरदीप कुमार शर्मा ने बताया कि रामपुरा से चंडीगढ़ तक ए.सी. बसों वाले 50 रुपये और भटिंडा से लुधियाना तक ए.सी. बसों वाले 30 रुपये तक कम ले लेते हैं। इस हिसाब से निजी बसों में सफर सस्ता पड़ता है और सरकारी बसों में सफर महंगा पड़ता है। ट्रांसपोर्टर तीर्थ सिंह दयालपुरा मिर्जा ने कहा कि जब सवारी को कम पैसों में सफर की सुविधा मिलती है तो कोई ज्यादा पैसे क्यों देगा। उन्होंने कहा कि इस सुविधा ने खुद बस चलाने वालों का भी नुक्सान किया है।
उल्लेख्नीय है कि पंजाब में बीते शनिवार को बस किराए में तीन पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ौतरी हुई है। अब यह किराया बढ़कर 1 रुपये 2 पैसे प्रति किलोमीटर हो गया है, जबकि पहले किराया 99 पैसे प्रति किलोमीटर था। सूत्रों के मुताबिक निजी बस मालिकों द्वारा अपने मुलाजिमों को बुकिंग ठेके पर देने के बाद ही बस किराए में छूट देने का सिलसिला शुरू हुआ है।
काफी समय पहले भी इस तरह छूट देने का काम शुरू हुआ था, तब निजी बस आपरेटर यूनियन ने ही इस पर नकेल डालने की मुहिम चलाई थी। इस मुहिम ने कुछ समय रंग दिखाया, किन्तु बाद में सब पहले की तरह चलने लगा।
छूट नहीं देनी चाहिए: यूनियन नेता
निजी बस आपरेटर यूनियन के महासचिव खुशकरन सिंह का कहना है कि गत समय दौरान चलाई मुहिम ने काफी रंग दिखाया था, लेकिन अब निजी बस मालिकों द्वारा बुकिंग का काम ठेके पर देने के कारण फिर से कडंक्टर छोट देने लगे हैं, जो कि नहीं देनी चाहिए।
पीआरटीसी की बुकिंग प्रभावित नहीं होगी: एमडी
पीआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर एमएस नारंग का कहना है कि कहीं इका-दुका जगहों पर प्रभाव हो सकता है, किन्तु आल ओवर प्रत्येक माह 72 लाख रुपये की आमदन बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि नियमों अनुसार कोई भी निजी बस मालिक किराये में छूट नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला अभी तक उनके ध्यान में नहीं आया है।
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