बॉन्गोतोरू के शरोदोत्सव का प्रभात फेरी और अनोंदा मेला से हुआ भव्य आगाज
- बोंगोतोरु पूजा 8 से 13 अक्टूबर 2024 के बीच सेंट्रल पार्क शिप्रा सन सिटी, इंदिरापुरम में होगी
गाजियाबाद (सच कहूं/रविंद्र सिंह)। Ghaziabad News: देश की राजधानी दिल्ली से सटे इंदिरापुरम के शिप्रा सन सिटी स्थित सेंटर पार्क में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी बंगाल की संस्कृति से भावी युवा पीढ़ी को अवगत कराने के लिए बोंगोतोरु पूजा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। सुरजीत डे पुरकायस्था, कौशिक चक्रवर्ती, बासब भट्टाचार्य, बिश्वजीत राउत,डॉ अरुणिमा,प्रवास घोस,सुवेंदु मजूमदार, प्रत्युसा गोस्वामी ने प्रेस वार्ता के दौरान संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि बोंगो तुरू पूजा बीते चार वर्षो से भव्यता के साथ आयोजित होती आ रही है। Ghaziabad News
इस बार भी इसकी भव्यता ऐतिहासिक होगी। पिछली बार बोंगोतुरू पूजा की थीम माटी कला थी लेकिन इसबार पटकथा थीम पर आधारित होगी बोंगोतोरू पूजा। उन्होंने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री राम ने रावण के विरुद्ध निर्णायक युद्ध से पहले महिषासुर मर्दिनी देवी कात्यायनी यानी की मां दुर्गा की पूजा की और उनका खेह और आशीर्वाद प्राप्त किया। इस विशिष्ट पुजा को समर्पित यह उत्सव बर्षा ऋतु के पश्चात शरद ऋतु में आयोजित किया जाता है। जिसे हम शारदोत्सव के रूप में जानते है।
पटकथा होगी इस बार बोंगोतोरू पूजा की थीम | Ghaziabad News
उन्होंने बताया कि बोंगोतोरू शरदोत्सव-2024 के इस 24 वें अध्याय में, प्रस्तुत यह “पटकथा” हमें बंगाल से विरासत में मिली है। बंगाल भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं और जीवंत संस्कृति से समृद्ध प्रदेश है। हमारा लक्ष्य भारत में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त त्योहार “दुर्गा पूजा” के दौरान कला और इससे जुड़े लोगों को एनसीआर के केंद्र में लाना है। इसका उद्देश्य विरासत को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना और इन कारीगरों और लुप्त होती कला (हुनर) के प्रति युवा पीढ़ी को जागरूक करना है।
पटकथा होगी बोंगोतोरु पूजा की थीम
बताया कि इस बार पटकथा के माध्यम से हम शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा का आह्वाहन करते हैं। यह आह्वान “अकाल बोधन” कहलाता है। इस सन्दर्भ में ‘अकाल’ का अर्थ है असामयिक और ‘बोधन’ का अर्थ है जागरण। 8 से 13 अक्टूबर 2024 के बीच सेंट्रल पार्क शिप्रा सन सिटी, इंदिरापुरम गाजियाबाद में हमारे साथ इस मनोरम और रंगारंग यात्रा में भाग लेने के लिए आपका स्वागत है। Ghaziabad News
पंडाल के लिए पश्चिम बंगाल के हुगली से आया सामान
उन्होंने बताया कि इस विशिष्ट पंडाल को बंगाल के 16 कारीगर ने पूरा किया है। और कच्चा माल पश्चिम बंगाल के हुगली जिले से प्राप्त किया गया है। बोंगोतोरु उन्हें एक बड़े मंच पर ला रहा है, जहां हमारी भावी युवा पीढ़ी और समुदाय इन उत्कृष्ट कृतियों का अनुभव कर सकते हैं, जो कभी हमारे पैतृक घरों की शोभा बढ़ाते थे। इन प्रयासों के माध्यम से हम आपको बंगाल की कला(हुनर), सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं से जोड़ने का सूक्ष्म प्रयास कर रहे है।
जानिए क्या है बोंगोतोरु | Ghaziabad News
बोंगोतोरु के बारे में बताया कि यह शब्द अपने अंदर अपना अर्थ समाहित किये हुए है। “बोंगो का अर्थ है बंगाल का क्षेत्र और “तोरु” का अर्थ है एक पेड़। बंगाल से अलग हुए सैकड़ों बंगालियों के लिए, बोंगोतोरु वह पेड़,, छाया और बंधन की डोर है जो दिल्ली- एनसीआर में बंगलियाना को बांधता और दिल में समां देते है। हम एक पंजीकृत सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन हैं जो बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रचार-प्रसार और उसे मजबूत करने पर काम कर रहे हैं।
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