खारियां। (सच कहूँ/सुनील कुमार) डेरा सच्चा सौदा का प्रत्येक अनुयायी अपने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की प्रेरणाओं पर चलते हुए 142 मानवता भलाई के कार्यों को करने में दिन प्रतिदिन निस्वार्थ भाव से जुटे हैं। इसी का एक उदहारण ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां के गांव संतोखपुरा में देखने को मिला। सचखंडवासी 80 वर्षीय संतराम इन्सां पुत्र भगत राम बुधवार सुबह हार्ट अटैक के चलते अपनी सांसारिक यात्रा पूर्ण कर कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा बिराजे।
जिसके उपरांत परिजनों ने उनके पार्थिव शरीर को डेरा सच्चा सौदा सरसा की ‘अमर सेवा मुहिम’ के तहत सचखंडवासी की अंतिम इच्छानुसार यूपी के ग्रेटर नोएडा स्थित नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में शोध कार्यों के लिए दान कर दिया। इस अवसर पर बेटियां मंजीत कौर इन्सां, राजविन्द्र कौर इन्सां, गोगी देवी इन्सां ने पिता की अर्थी को कंधा दिया तो वहीं ब्लॉक की समूह साध संगत व रिश्तेदारों ने सचखंडवासी संतराम इन्सां को बेनती भजन, इलाही नारे व प्रेमी संतराम इन्सां अमर रहे के नारे बोलकर फूलों से सजी गाड़ी में रूखस्त किया।
पूजनीय परम पिता जी से लिया था गुरुमंत्र
बेटे इन्द्रजीत इन्सां (मंगा) ने बताया कि उनके पिता ने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से करीब 45 वर्ष पूर्व नाम की अलमोल दात प्राप्त की थी। जिसके बाद उन्होंने पूरे परिवार को डेरा सच्चा सौदा से जोड़ा व जो भी दरबार की खुली सेवा होती हमेशा उसे नि:स्वार्थ भाव से करते रहे। आपको बात दें ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां का 18वां व संतोखपुरा गांव का पहला शरीरदान है। इस अवसर पर सचखंडवासी की धर्मपत्नी बिमला देवी इन्सां, बेटा इन्द्रजीत इन्सां, बबलू इन्सां, पुत्रवधु कमलजीत कौर इन्सां, निलम रानी इन्सां, बेटियां मंजीत कौर इन्सां, राजविन्द्र कौर इन्सां, गोगी देवी, भंगीदास राजाराम इन्सां, 15 मैम्बर तार सिंह, नवतेज इन्सां मौजूद रहे।
पिता की अर्थी को बेटियों ने दिया कंधा
सचखंडवासी संतराम इन्सां की अंतिम विदाई के समय उनकी बेटियां मंजीत कौर इन्सां, राजविन्द्र कौर इन्सां, गोगी देवी इन्सां व पुत्रवधु कमलजीत कौर इन्सां, निलम रानी इन्सां ने अर्थी को कंधा देकर समाज में बेटा-बेटी एक समान मुहिम को बढ़ावा दिया। वहीं समाज में व्याप्त बेटा-बेटी के भेदभाव को भुलाकर दोनों के एक समान होने का संदेश दिया। इस अवसर पर बेटियों व पुत्रवधुओं ने पूज्य गुरू जी का आभार जताते हुए कहा कि आज उन्हें खुद पर व अपने पूज्य गुरूजी की शिक्षाओं पर गर्व महसूस हो रहा है कि डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई के कार्यों के तहत आज हमें अपने पिता की अर्थी को बेटोें के बराबर कांधा देने का मौका मिला।
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