मैडिकल शोध के लिए गौत्तम बुद्धा चीकित्सा महाविद्यालय देहरादून को दान किया शरीर
कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Body Donation: ब्लॉक कैथल के जोन 8, नजदीक शोरा कोठी, जीन्द रोड़, कैथल निवासी डेरा सच्चा सौदा अनुयायी माता नीलम इंसा उर्फ दर्शना इन्सां (71वर्ष ) बुधवार को अपनी स्वांसो रूपी पूंजी पूर्ण कर सतगुरु के चरणों में जा विराजी। उनके मरणोपरांत परिजनो ने उनकी अंतिम इच्छानुसार शरीर दान और आंखे दान कर अनूठी मिसाल पेश की। गौरतलब है कि ब्लॉक कैथल से लगातार साध संगत अपने पूज्य सतगुरु के वचनों पर चलते हुए मानवता की भलाई के लिए मरणोपरांत शरीरदान और नेत्रदान कर रही है।
शरीरदानी के पुत्र प्रवीण इन्सां ने बताया की उनकी माता ने डेरा सच्चा सौदा से गुरुमंत्र लिया हुआ था और पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए जीते जी मरणोपरांत शरीरदान का फार्म भरा हुआ था। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए तथा डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे 167 मानवता भलाई के कार्यों में से 13वें कार्य अमर सेवा (चिक्तिसा व शोध कार्यों के लिए मरणोंपरांत शरीरदान) के तहत उनका शरीर मैडिकल शोध के लिए गौत्तम बुद्धा चीकित्सा महाविद्यालय देहरादून को दान किया गया है । वहीं शरीर दानी की आँखे सेवा संघ कैथल को दान की गयी |
बता दे कि माता जी अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़कर गई है। उनके परिवार में बेटे प्रवीण इंसा पंडाल समिति, बेटी कुसुम, पुत्रवधु अनीता इंसा 85 मेंबर, पौत्र राहुल इंसा एमएसजी आईटी विंग, पौत्री मीनाक्षी इंसा और तनीषा इंसा शामिल है। सभी सदस्य शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के भी सदस्य है। वहीं माता जी ने भी कैथल दरबार में कई सालों तक लंगर की सेवा की है। Body Donation
इस अवसर पर ब्लॉक कैथल और आस पास से 85 मेंबर, 15 मेंबर, प्रेमीसेवक और शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सैकड़ों सेवादार भाई बहन दिवंगत बहन को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे।
बेटा बेटी एक समान का दिखा संगम | Body Donation
इस मौके पर बेटा बेटी एक समान मुहिम को सार्थक करते हुए शरीर दानी की बेटी और पुत्रवधु ने अर्थी को कंधा देकर समाज में व्याप्त बेटा बेटी के भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया। अंतिम यात्रा के दौरान माता दर्शना इंसा अमर रहे’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा माता दर्शना तेरा नाम रहेगा’ ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ के नारे लगाते हुए चल रहे थे। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सेवादारों ने अंतिम सेल्यूट कर एम्बूलेंस को रवाना किया।
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