माता कौशल्या देवी इन्सां बनी भवानीगढ़ की 35वीं शरीरदानी | Body Donation
भवानीगढ़ (सच कहूँ/गुरप्रीत सिंह)। Bhawanigarh News: रोजाना सच कहूँ के सीनियर पत्रकार विजय सिंगला व डेरा सच्चा सौदा के 85 मैंबर प्रेम सिंगला इन्सां के माता कौशल्या देवी इन्सां (74) पौत्र-पौत्रियों से भरे पूरे परिवार को छोड़कर कुल मालिक के चरण कमलों में सचखंड जा बिराजे हैं, शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए सरस्वती इंस्टीच्यूट आॅफ मेडिकल सार्इंस आवरपुर, पिलखूवा हापुड़ (यूपी) को दान किया गया। उल्लेखनीय है कि आज से 9 साल पहले 5 अक्तूबर 2015 को पत्रकार विजय सिंगला के पिता हंस राज इन्सां का पार्थिव शरीर भी मेडिकल रिसर्च कार्यों के लिए दान किया गया था। एक ही परिवार में से हुए दो शरीरदान को लेकर आज भवानीगढ़ में लोगों में काफी चर्चा रही। कौशल्या देवी इन्सां भवानीगढ़ ब्लॉक की 35वें शरीरदानी बनी हैं। Body Donation
शुक्रवार को भवानीगढ़ के बड़ी संख्या में गणमान्यजन, साध-संगत, पत्रकार व समाज सेवियों की उपस्थिति में कौशल्या देवी इन्सां को अंतिम विदाई दी गई। एक काफिले के रूप में माता जी की पार्थिव देह वाली एम्बूलैंस को बाजार में लेजाया गया और ‘शरीरदानी कौशल्या देवी इन्सां अमर रहे’ के नारे लगाए गए। इस उपरांत पार्थिव देह वाली गाड़ी को विदाई एसएचओ गुरनाम सिंह ने दी। इससे पहले कौशल्या देवी इन्सां की अर्थी को कंधा उनकी दोनों पुत्रवधुओं डिम्पल रानी इन्सां व नेहा रानी इन्सां, बेटी शिमला रानी व पौत्री हिमांशी ने निभाई। इस मौके माता के पौत्र नूर-ए-मीत इन्सां, लवमीत इन्सां व जीवेश मौजूद रहे।
इस मौके रामकरन इन्सां, हरिन्दर इन्सां मंगवाल, बलदेव कृष्ण कुलारां, भोला इन्सां, गुरदयाल इन्सां, जगदेव सिंह (सभी 85 मैंबर), भवानीगढ़ का पूरा पत्रकार समाज, सच कहूँ के जिला पटियाला के इंचार्ज खुशवीर सिंह तूर, संगरूर से नरेश कुमार, भवानीगढ़ के ब्लॉक प्रेमी सेवक जगदीश इन्सां के अलावा बड़ी संख्या में परिजन, डेरा श्रद्धालु, रिश्तेदार व शहरवासी मौजूद थे।
एक ही परिवार से दो शरीरदान, समाज के लिए बड़ी जागृति: एसएचओ
आज कौशल्या देवी इन्सां का पार्थिव शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए रवाना करने से पहले भवानीगढ़ के एसएचओ गुरनाम सिंह ने कहा कि कौशल्या देवी इन्सां ने समाज को एक नई दिशा दी है क्योंकि मेडिकल रिसर्च कार्यों के लिए मृतक शरीरों का होना बेहद्द जरूरी है क्योंकि डॉक्टरों द्वारा इनके सहारे ही बड़ी बीमारियों को काबू करने के लिए रिसर्च चल रही हैं। यह एक बेमिसाल समाज सेवा है। उन्होंने कहा कि हमें पता चला है कि इस परिवार में पहले भी एक शरीरदान हुआ है, ऐसा परिवार सचमुच ही धन्य कहने के काबिल है।
कौशल्या देवी इन्सां ने पूरे परिवार को एक साथ जोड़े रखा
स्व. माता कौशल्या देवी भले ही आज हमारे बीच मौजूद नहीं रहे लेकिन माता जी ने हमेशा ही पूरे परिवार को एक कड़ी में परो के रखा। आज के समय में संयुक्त परिवार का होना अपने आप में बेमिसाल है। कौशल्या देवी इन्सां ने अपने बेटों विजय सिंगला व प्रेम सिंगला को हमेशा एकजुट होकर रहने की प्रेरणा दी, जिस कारण आज पूरा सिंगला परिवार संयुक्त तौर पर एकसाथ रह रहा है। कौशल्या देवी इन्सां ने हमेशा ही डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए अपने पूरे परिवार को डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ा।
यह भी पढ़ें:– Indian Railway: आपको ट्रेन टिकट कितने दिन पहले बुक करना चाहिए? जानें पूरी जानकारी!