ओढां। (सच कहूँ/राजू) गांव चोरमार खेड़ा निवासी मास्टर शमशेर सिंह ने वैज्ञानिक सोच अपनाते हुए अपने पिता गुरदास सिंह की मृत देह मेडिकल शोध कार्या हेतु दान कर दी। उक्त कार्य को लोगों ने उच्च सोच बताते हुए कहा कि इससे समाज में जागृति आएगी। गांव चोरमार निवासी करीब 72 वर्षीय गुरदास सिंह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। बीती शुक्रवार रात्रि उनका देहांत हो गया। जिसके बाद उनके पुत्र तर्कशील सोसायटी कालांवाली के अध्यक्ष मास्टर शमशेर सिंह ने अपने परिवारिक सदस्यों से गुरदास सिंह की मृत देह दान करने बारे विचार विमर्श किया। शनिवार को गुरदास सिंह की मृत देह बठिंडा के एम्स मेडिकल कॉलेज को दान कर दी गई। इस दौरान काफी गणमान्य व्यक्ति व अन्य लोग मौजूद रहे। इस दौरान समाजसेवी नरेश महेश्वरी ने कहा कि हमें अपनी सोच बदलने की आवश्यकता है।
अगर मृत देह मेडिकल शोध के कार्यों के काम आ सके तो इससे बड़ा और कोई पुनित कार्य नहीं हो सकता। शरीरदान से मेडिकल के छात्रों को न केवल शिक्षा में मदद मिलेगी बल्कि नई बीमारियों पर भी शोध होगा। उन्होंंने शरीरदान जैसे महान कार्य पर डेरा सच्चा सौदा की भी सराहना करते हुए कहा उक्त संस्था ने इस मुहिम को काफी आगे बढ़ाया। उन्होंने बताया कि तर्कशील सोसायटी की कालांवाली इकाई द्वारा अब तक 18 मृत देह दान करवाई जा चुकी है। वहीं इस अवसर पर सुरेंद्रपाल साथी ने भी अपने संबोधन मेंं कहा कि मास्टर शमशेर सिंह ने वैज्ञानिक सोच अपनाते हुए अपने पिता का शरीरदान कर प्रेरणादायक कार्य किया है। इस अवसर पर मा. अजायब सिंह जलालआना, हरदेव सिंह अग्रोइया, मंदीप मिंटा, बिट्टू मलिकपुरा व जसवंत सिंह सहित काफी गणमान्य लोग व परिवारिक सदस्य मौजूद थे।
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