जीरकपुर/चंडीगढ़ (एम के शायना)। जीते जी रक्तदान तो मरणोपरांत नेत्रदान व देहदान कर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी समाज में मानवता की अनुकरणीय मिसाल पेश कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक और नाम ब्लॉक पंचकूला के शहर जीरकपुर में डेरा प्रेमी अजय इन्सां के 70 वर्षीय पिता रामधन इन्सां का मरणोपरांत शरीरदान में जुड़ गया। उनका स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से खराब व वृद्धावस्था के चलते रामधन इन्सां अपनी स्वासों रूपी पूंजी पूर्ण कर कुल मालिक के चरणों में जा बिराजे।
इस दौरान उनके पुत्र विजय इन्सां ने बताया की उनके पिता ने अपने जीते जी मरणोपरांत शरीरदान का फार्म भरा था, इसलिए उनकी अंतिम इच्छा को पूर्ण कर तथा पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे 139 मानवता भलाई के कार्यों में से 13वां कार्य अमर सेवा (चिक्तिसा व शोध कार्यों के लिए मरणोपरांत शरीरदान) के तहत उनका शरीर मैडिकल शोध के लिए राजीव गांधी गवर्नमेंट पोस्ट ग्रैजुएट आयु कॉलेज एंड हॉस्पिटल पपरोला, जिला कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) को दान कर दिया।
शहरवासियों तथा साध-संगत ने उन्हें सैल्यूट कर चिक्तिसा शोध हेतु किया विदा
इस मौके पर बेटा-बेटी एक समान मुहिम को सार्थक करते हुए उनकी पुत्री स्मृति इन्सां व बहू श्वेता इन्सां, ज्योति इन्सां ने पिता की अर्थी को कंधा देकर समाज में व्याप्त बेटा-बेटी के भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया। वहीं पंचकूला ब्लॉक भंगीदास अनिल इन्सां ने बताया कि रामधन इन्सां ने अपने पूरे परिवार को पूज्य गुरू जी की प्रेरणानुसार इन्सानित की राह में लगाया तथा अपने परिवार को मानवता भलाई के हर कार्य में अग्रणी रखा।
उनकी अंतिम यात्रा के दौरान जीरकपुर भंगीदास बलवीर इन्सां ने परिजनों व साध-संगत के साथ विनती भजन बोलकर व भाई रामधन इन्सां अमर रहे के नारे लागाकर पूरे सम्मान के साथ जीरकपुर के बाहर तक उन्हें विदा किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी रोशनी इन्सां, पुत्र अजय इन्सां व विजय इन्सां, बाकि परिजन, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फैयर फोर्स विंग व अन्य सभी समितियों के सदस्य, शहरवासियों तथा साध-संगत ने उन्हें सैल्यूट कर चिक्तिसा शोध हेतु विदा किया।