बेटियों ने अर्थी को कंधा देकर बेटा-बेटी के भेदभाव को मिटाने का दिया संदेश | Body Donation By DSS Volunteer
तरसेम सैनी, शामवीर रतिया(सच कहूँ)। ले के कहां कुछ वापिस जाना ये शरीर भी दान है…ये कोई जुमला नहीं बल्कि हकीकत है। मानवता भलाई के सिरमौर सर्व धर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु की। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए डेरा अनुयायी जीते जी तो मानवता भलाई के लिए आगे रहते ही हैं, लेकिन मरने के बाद इंसानियत के लिए ऐसी मिसाल दे जाते हैं कि हर कोई उन्हें सलाम् करता है। ऐसा ही कर कर दिखाया है रतिया निवासी राज किशोर इन्सां ने।
जिन्होंने मरणोपरांत मेडिकल रिसर्च के लिए अपना शरीर दान किया। उनका पार्थिव शरीर रिसर्च के लिए जीएस मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर हापुड(यूपी) भेज दिया है। जीते जी भी राज किशोर इन्सां मानवता भलाई कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। मरणोपरांत भी मृत देह दान कर मानवता पर परोपकार किया।
जानकारी के अनुसार हरियाणा के 45 मैम्बर भुवनेश इन्सां के पिता राज किशोर इन्सां पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। राज किशोर इन्सां की मृत्यु के पश्चात उनके पुत्रों 45 मैम्बर भुवनेश इन्सां, राकेश इन्सां, लबकेश इन्सां ने उनकी अंतिम इच्छा को ध्यान में रखते हुए उनका पार्थिक शरीर दान किया।
बेटियों ने दिया अर्थी को कंधा | Body Donation By DSS Volunteer
भंगीदास देवराज इन्सां ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा की मुहिम बेटा-बेटी एक समान के तहत राज किशोर इन्सां की अर्थी को उनकी बेटियों ने कन्धा दिया। राज किशोर इन्सां के पार्थिव शरीर कों सैकडों अनुयायियों की मौजूदगी में परिजनों ने नम आंखों से अन्तिम विदाई दी। इस अवसर पर 45 मैम्बर रामपाल इन्सां, सुरेश इन्सां, राजकुमार इन्सां, अनिल इन्सां, 15 मैम्बर मिंदर इन्सां, नानु इन्सां, निर्मल इन्सां, बलराज इन्सां, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सदस्यों सहित रिश्तेदार मौजूद रहे।
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