नारायणगढ़ (सुरजीत)। नारायणगढ़ में ब्लॉक स्तरीय नामचर्चा का आयोजन सुबह 9 बजे से 10-30 बजे तक किया गया। भंगीदास यशपाल इन्सां ने विनती के शब्द के साथ नामचर्चा का शुभारंभ किया। जिसके बाद पष्चात कविराजों ने भजन बोलकर गुरु महिमा का गुणगान किया। प्रेमी अमन इन्सां ने मेरी शान च फर्क नहीं पैंदा, मैं नच के मनावां पीर नूं, रघुबीर इन्सां ने यमा ने लेखा लैणा फड के तलवार कल नू, गुरदयाल इन्सां ने कुछ करले भजन सतगुरू का, तेरे जीवन का तो यही सार है, कृष्ण इन्सां ने मेरी लगी प्रीती नू दातेया तूं बिल्कुल ना तोड़ी, गणतंत्र इन्सां ने आके सत्संग में विचार कर ले मानस जन्म का उदार कर ले, इत्यादि भजन बोलकर पंड़ाल का भक्तिमय कर दिया। सोहन इन्सां ने पवित्र ग्रंथ बंदे से रब में से संत-महात्माओं के अनमोल वचन पढ़कर साध-संगत को सुनाये। जिम्मेवार सोहन इन्सां ने साध-संगत को दरबार में चल रही सेवा के बारे अवगत कराया तथा पूज्य गुरू जी के वचनों पर चलने के लिए साध-संगत से आग्रह किया।
साध-संगत बोली, दोगुनी रफ्तार के साथ करेंगे मानवता भलाई के काम
रविवार को अंबाला कैंट की नामचर्चा नंहेडा रंगिया मंडी के नामचर्चा घर में संपन्न हुई। नामचर्चा के दौरान बढ़ी संख्या में साध-संगत ने शिरकत कर सतगुरु का गुणगान किया। इससे पूर्व नामचर्चा का शुभारंभ ब्लॉक भंगीदास नरेश इन्सां ने पावन नारा ‘‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’’ बोलकर किया। जिसके बाद कविराजों ने विनती भजन के साथ रामनाम का गुणगान किया। नामचर्चा में जिम्मेवारों ने साध-संगत को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमेशा इंसानियत का पाठ पढ़ाया है। जिस पर चलते हुए आज भी साध-संगत दिन-रात मानवता भलाई के कार्यों में लगी हुई है।
आज भी हम पूज्य गुरु जी के अडोल आशिक हैं और हमारा दृढ़ विश्चास सदा अपने गुरु जी के प्रति बना रहेगा। साध-संगत अब दोगुनी रफ्तार के साथ मानवता भलाई के कार्य करेगी। इस अवसर पर साध-संगत ने एक स्वर में पावन नारा लगाते हुए कहा कि उन्हें पूज्य गुरु जी पर पहले भी अटूट विश्वास था और अब पहले से भी ज्यादा अटूट विश्वास है। हमारे विश्वास को कोई नहीं तोड़ सकता। नामचर्चा के दौरान साध-संगत ने 139 मानवता भलाई कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लेने का संकल्प भी किया।
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