नई दिल्ली: एक साल में देशभर में 562 करोड़ की ब्लैकमनी (Black Money Seized) जब्त की गई। सरकार की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2015-16 में संदिग्ध लेनदेन, जाली करेंसी, टेरर फंडिंग और विदेशों से गैर-कानूनी फंड ट्रांसफर के 200% ज्यादा केस पकड़े गए। बता दें कि एफआईयू फाइनेंस मिनिस्ट्री की टेक्नीकल इंटेलिजेंस विंग है। ये फाइनेंस से जुड़ी गड़बड़ियों पर नजर रखती है।
संदिग्ध लेन-देन भी दोगुना हुआ | Black Money Seized
- पिछले फाइनेंशियल ईयर के मुकाबले 2015-16 में कैश ट्रांजैक्शन 80 लाख से बढ़कर 1.6 करोड़ से ज्यादा हो गए।
- इनमें संदिग्ध लेनदेन की संख्या भी 58,646 से 1,05,973 हो गई।
- जाली नोटों से जुड़े आंकड़े भी 16% से ज्यादा बढ़े हैं।
- जबकि विदेशों से फंड ट्रांसफर के मामलों में 850% की बढ़ोतरी सामने आई है।
- बैंकों और अन्य फाइनेंशियल कंपनियों में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट से जुड़े 21 मामले मिले।
कैसे काम करती है FIU? | Black Money Seized
बता दें कि एफआईयू (फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट) वित्त मंत्रालय की एक टेक्नीकल इंटेलिजेंस विंग है, जो फाइनेंस से जुड़ी गड़बड़ियों पर नजर रखती है। इसे 2004 में बनाया गया। इसका काम बैंक और अन्य चैनलों की मदद से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और जाली नोटों से जुड़ा आंकड़ा जुटाना है। बाद में इस डाटा को इकोनॉमी से जुड़े क्राइम पर एक्शन के लिए जांच एजेंसियों के साथ शेयर किया जाता है।
टेक्नोलॉजी आंकड़ों में बढ़ोतरी की वजह | Black Money Seized
- आंकड़ों में बढ़ोतरी की वजह संदिग्ध फंड ट्रांसफर पर नजर रखने के लिए टेक्नोलॉजी की मदद लेने और अफसरों की जागरुकता है।
- बैंकों की मदद से देश और विदेशों में कालेधन पर कड़ाई से नजर रखी जा रही है।
- ब्लैकमनी के साथ टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कानून के हिसाब से कार्रवाई चल रही है।
- एफआईयू से मिले इनपुट पर सीबीडीटी ने 155 करोड़ की बेहिसाब इनकम पर कार्रवाई की।
- कुल 562 करोड़ का कालाधन जब्त हुआ।
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