प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष ने किया मंथन
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। पंजाब में भारतीय जनता पार्टी अब आगे कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी। संगरूर लोकसभा सीट पर उप चुनाव और 4 निगमों के चुनाव पार्टी अकेले दम पर लड़ेगी। बुधवार को चंडीगढ़ में चुनावों को लेकर भाजपा का मंथन हुआ। पंजाब भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम ने इस दौरान कहा कि वह अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बाकी केंद्रीय नेतृत्व जो फैसला करेगी, वह मंजूर होगा। मीटिंग में भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा, सहप्रभारी नरिंदर रैना भी उपस्थित रहे। पंजाब के संगरूर लोकसभा से भगवंत मान लगातार दूसरी बार सांसद बने थे। इस बार उन्होंने धूरी सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बन गए। उन्होंने सीएम पद की शपथ लेने से पहले लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इस सीट पर जल्द उपचुनाव होंगे।
इन 4 निगमों के चुनाव इसी साल
पंजाब में जालंधर, अमृतसर, लुधियाना और पटियाला नगर निगम के चुनाव इसी साल होने हैं। शहरों में भाजपा का अच्छा आधार है। इसी वजह से वह अकेले चुनाव लड़ने के मूड में है। अभी तक वह अकाली दल से गठबंधन कर चुनाव लड़ती रही है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद ही नहीं जीत सके
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह से गठबंधन किया था। 2 बार पंजाब के सीएम रहे कैप्टन से भाजपा को करिश्में की उम्मीद थी। हालांकि कैप्टन अपनी खुद की पटियाला सीट तक नहीं बचा सके। उनकी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का कोई कैंडिडेट चुनाव नहीं जीत सका। जबकि भाजपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं कैप्टन के अलावा गठजोड़ के दूसरे साथी सुखदेव ढींढसा की शिअद संयुक्त एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।
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