Narendra Modi: हरियाणा में भाजपा की जीत से भारत में स्थिरता का संदेश मजबूत हुआ है: मोदी

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Narendra Modi: हरियाणा में भाजपा की जीत से भारत में स्थिरता का संदेश मजबूत हुआ है: मोदी

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने स्थिरता, निरंतरता और समाधान को दुनिया के लिए आज के युग की सबसे बड़ी आवश्यकता बताते हुए सोमवार को कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की लगातार तीसरी जीत भारत में स्थिरता का संदेश है। मोदी ने कहा कि हाल में हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लगातार दूसरी सफलता से स्थिरता का यह संदेश और मजबूत हुआ है। वह राजधानी में एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश ने पिछले 10 साल में उपलब्धियों के जो आयाम तय किए हैं ,उसको देखते हुए आज दुनिया भविष्य के समाधानों के लिए भारत की ओर देख रही है।

प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने कहा कि उनकी सरकार के हर कार्यक्रम के केंद्र में देश की जनता के विकास के साथ-साथ ‘निरंतरता’ (स्वस्थ और टिकाऊ विकास) का उद्देश्य स्पष्ट रूप से आगे रखा गया है। इस सत्र में देश विदेश के नामी उद्यमियों और निवेश को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा,‘छह दशक में पहली बार देश के लोगों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार को अपना जनादेश दिया है, यह स्टेबिलिटी (स्थिरता) का संदेश है। अभी हरियाणा में हुए चुनाव में भी भारत की जनता ने स्टेबिलिटी के इस भाव को मजबूती दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को देश की जनता का पूरा समर्थन है और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य भारत की 140 करोड़ जनता का लक्ष्य बन गया है । अब जनता इस लक्ष्य को आगे बढ़ा रही है।

प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने कहा कि 21वीं सदी का यह समय मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण समय है। ऐसे में आज के युग की बड़ी जरूरतें हैं, स्टेबिलिटी, सस्टेनेबिलिटी और सॉल्यूशंस (स्थिरता, निरंतरता और समस्याओं के समाधान)। यह मानव के भविष्य के लिए सबसे जरूरी शर्तें हैं और भारत आज यही हासिल करने का प्रयास कर रहा है। इसमें भारत की जनता का एक निश्चित समाधान है। मोदी ने कहा कि आज भारत आकांक्षाओं से परिपूर्ण देश है। उन्होंने इसे एस्पिरेशनल इंडिया (एआई) बताते हुए कहा कि जब एस्पिरेशनल इंडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की ताकत मिल जाती है, तब विकास की गति भी तेज होने स्वाभाविक है।

उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन शानदार रहा है और वैश्विक एजेंसियों ने भारत की वृद्धि दर के अनुमानों में सुधार किए हैं। मोदी ने कहा कि भारत भविष्य की सोच के साथ आगे बढ़ रहा है और 2047 तक विकसित भारत का संकल्प भी इसी सोच को दिखाता है। उन्होंने कहा, ‘आज भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। इस युवा देश का पोटेंशियल (संभावनाएं) हमें आसमान की ऊंचाई पर पहुंचा सकती हैं। इसके लिए हमें अभी बहुत कुछ करना है और बहुत तेजी से करना है।

प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने अपने 10 साल के कार्यकाल की कुछ उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि पिछले 10 साल में भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। इस दौरान करीब 12 करोड़ शौचालय बने, 16 करोड लोगों को रसोई गैस कनेक्शन मिले । पिछले 10 साल में भारत में 350 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज और 15 से ज्यादा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बने । इन्हीं 10 साल में भारत में डेढ़ लाख से ज्यादा नए स्टार्टअप बने और आठ करोड़ युवाओं ने मुद्रा लोन लेकर पहली बार अपना काम शुरू किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सफलता का मापदंड सिर्फ यह नहीं है कि हमने क्या पाया? अब हम देख रहे हैं कि हमारा आगे का क्या लक्ष्य है, हमें कहां पहुंचना है। मोदी ने कहा कि भारत अपनी प्रगति में पूरी मानवता की प्रगति देखता है और दुनिया भारत में विश्वास भी करती है।

उन्होंने कहा, ‘भारत की उपलब्धियों से दुनिया को खुशी होती है, दुनिया जानती है कि भारत की आर्थिक वृद्धि और विकास से हर किसी को फायदा होगा। भारत हमेशा से विश्व की आर्थिक समृद्धि में सहायक शक्ति रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण के माध्यम से भारत ने दुनिया के सामने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना यानी डीपीआई) का एक नया मॉडल दिया। जनधन आधार कार्ड और मोबाइल फोन (जैम) के संगम ने सार्वजनिक सुविधाओं के वितरण में गति सुनिश्चित की और उसमें छीजन खत्म हुई। सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना का ही फल है कि भारत में आज हर रोज यूपीआई के जरिए 50 करोड़ से अधिक लेनदेन हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इन सुधारों का फायदा खुदरा दुकानदारों और रेहड़ी-पटरी वालों तक को मिल रहा है। प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने कहा कि भारत ने यह दशार्या है कि डिजिटल कायाकल्प और लोकतांत्रिक मूल्य साथ-साथ चल सकते हैं। भारत ने यह भी दशार्या है की प्रौद्योगिकी नियंत्रण और विवेक पैदा करने का हथियार नहीं बल्कि समावेशन, पारदर्शिता और सशक्तीकरण का औजार बन सकती है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए विकसित भारत का लक्ष्य ऐसी दुनिया का भी लक्ष्य है, जिसमें पूरी मानवता के लिए विकास के अवसर उपलब्ध हों और विश्व में शांति हो।

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