कहा : सरकार ईमानदार, भ्रष्ट अधिकारी कर रहे छवि खराब
सच कहूँ/सुनील वर्मा, सरसा। प्रोपर्टी आईडी को लेकर आ रही समस्या व भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को जगाने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य चौटाला शुक्रवार की सुबह नगर परिषद कार्यालय में भेड़ें लेकर पहुंचे। कमेटी परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि मैं यहां जिलाध्यक्ष के नाते नहीं, बल्कि एक आम नागरिक के नाते आया हूँ। अपने काम के लिए चक्कर काटने पड़े और स्वयं कमेटी में आकर अपनी व्यथा मुझे मीडिया के समक्ष रखनी पड़े तो, समझा जा सकता है कि आम पब्लिक के साथ क्या होता होगा।
चौटाला ने बताया कि सरकार ने भ्रष्टाचार की चेन तोड़ने के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू किया, लेकिन भ्रष्टाचार रूपी जंग में रंग चुके कर्मचारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। वर्ष 2010 में उन्होेंने कॉलोनी को अप्रूव्ड करवाने के लिए सरकार को करोड़ों रुपए की फीस जमा करवाई, लेकिन यहां बैठे अधिकारियों ने कॉलोनी का नक्शे में तो रिकॉर्ड दुरूस्त दिखा दिया, जबकि ऑनलाइन सिस्टम में आधा हिस्सा रिकॉर्ड में अप्रूव्ड दिखा दिया, जबकि आधा नहीं दिखाया। रिकॉर्ड चढ़ाने का कार्य यहां बैठे अधिकारियों का है, न कि आम आदमी का है। अपनी गलती छुपाने और रिवत लेने के चक्कर में ये लोग आम पब्लिक को परेशान कर रहे हैं। जब वे प्रोपर्टी आईडी के लिए गए तो कॉलोनी को अवैध बताकर आईडी बनाने से इनकार कर दिया। जब नगर परिषद अधिकारियों से इस बाबत बात की तो वे ऑनलाइन रिकॉर्ड की दुहाई देते हुए टरका देते हैं। कई चक्कर लगवाए, लेकिन अधिकारी नहीं सुधरे, जिस कारण उन्हें मजबूरन नगर परिषद कार्यालय में आना पड़ा है।
उन्होेंने बताया कि ये भ्रष्टाचार का खेल केवल और केवल सरसा में ही नहीं, पूरे प्रदेश में चल रहा है। सरकार ईमानदारी से कार्य कर रही है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारी सरकार की छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।
चौटाला ने बताया कि अगर सभी विभागों में ऑनलाइन सिस्टम पूरी तरह से लागू हो जाएगा तो इन भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों की दुकानें बंद हो जाएंगी। कंप्यूटर पर बैठने वाले ये लोग बेईमान हैं और जब मेरे साथ ये सबकुछ हो रहा है तो आम पब्लिक की क्या सुनवाई करते होंगे। चौटाला ने बताया कि वे बिना तथ्यों के कोई बात नहीं करते। मैं यहां पूरे तथ्यों के साथ आया हूँ। अगर अधिकारी अपनी जगह सही हैं तो वे सामने आएं और अपना पक्ष रखें।
आदित्य चौटाला ने कहा कि जिले में पांच नगर परिषद व पालिका कार्यालय हैं। सभी जगहों पर यही चल रहा है। पैसे देने पर रातों-रात को ही काम हो जाता है, घरों में ही ओटीपी आ जाता है, लेकिन बिना पैसे के आम पब्लिक से चक्कर पर चक्कर कटवाए जा रहे हैं। इस पूरे सिस्टम को तोड़ने व यहां बैठे अधिकारियों को जगाने के लिए ही मैं यहां आया हूँ। नगर परिषद के अधिकारियों को चेताते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि या तो अपनी छवि सुधार लो, अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो। इस दौरान कई वरिष्ठ नागरिकों ने भी अपने दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिन्हें रिकॉर्ड पूरा होने के बाद भी काफी समय से चक्कर कटवाए जा रहे हैं।
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