पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का किया विरोध, रेट कम करने की मांग
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महंगाई से आमजन की जेब पर बोझ से बढ़ेंगी परेशानियां
सच कहूँ/अश्वनी चावला चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 19 दिनों से लगातार बढ़ रहे तेल के दामों का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम सबसे ज्यादा आम आदमी और किसान पर भारी पड़ रहे हैं। क्योंकि, खेती का ज्यादातर काम डीजल पर निर्भर है। सिंचाई से लेकर ट्रांसपोर्ट तक में सबसे ज्यादा डीजल इस्तेमाल होता है। लेकिन, मौजूदा सरकार ने डीजल को पेट्रोल से भी महंगा कर दिया है। तेल के दामों का सीधा कनेक्शन महंगाई से है। अगर तेल के दाम बढ़ेंगे तो ट्रांसपोर्ट किराया, परिवहन, आवागमन, व्हीकल चलाना और उत्पादन महंगा हो जाएगा। इसके चलते हर चीज के दाम बढ़ेंगे। सरकार तेल के दाम बढ़ाकर जनता का तेल निकालने में लगी है। महामारी और मंदी के दौर में सरकार लोगों को राहत देने की बजाय महंगाई की मार मारने में लगी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों से कई गुना टैक्स वसूल रही है और कर्ज भी कई गुना ले चुकी है। बावजूद इसके गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, दुकानदार या कारोबारी, किसी वर्ग को कोई आर्थिक राहत नहीं दी जा रही है।
दोगुना किया वैट
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हमारे कार्यकाल में प्रदेश में तेल सबसे सस्ता था, क्योंकि उस पर टैक्स कम थे। अगर हरियाणा की बात की जाए तो हमारे कार्यकाल में दूसरे राज्यों के लोग भी यहां से तेल डलवाना पसंद करते थे। बॉर्डर के हर पेट्रोल पंप पर लिखा होता था कि ये हरियाणा का पहला या आखिरी पेट्रोल पंप है। ताकि, लोगों को पता चल जाए कि यहां सस्ता तेल मिलेगा। हमारे कार्यकाल में तेल पर वैट केवल 9 प्रतिशत था, जो बीजेपी राज में बढ़कर दोगुना हो गया है। हरियाणा में भी पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने वाले हैं।
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