विधानसभा उपचुनाव: गिद्दड़बाहा से मनप्रीत बादल और डेरा बाबा नानक से रविकरण सिंह काहलों होंगे उम्मीदवार
- कैप्टन अमरिंदर के करीबी केवल ढिल्लों को बरनाला से मिली टिकट
- आम आदमी पार्टी पहले ही घोषित कर चुकी है उम्मीदवार
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। Punjab By-Election: पंजाब की चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए भाजपा ने तीन उम्मीदवारों की घोषणा की है। पार्टी ने डेरा बाबा नानक से रविकरण सिंह काहलों, गिद्दड़बाहा से मनप्रीत सिंह बादल और बरनाला से केवल सिंह ढिल्लों को अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, चब्बेवाल सीट के लिए उम्मीदवार का अभी तक चयन नहीं किया गया है। मनप्रीत बादल पहले अकाली दल में रह चुके हैं और उन्होंने अकाली-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस सरकार में वित्तमंत्री की भूमिका निभाई है। वह भाजपा में शामिल होने से पहले कई वर्षों तक अकाली दल के सक्रिय सदस्य रहे। वहीं, रविकरण काहलों भी पहले अकाली दल से भाजपा में आए हैं। बरनाला से उम्मीदवार केवल ढिल्लों, जोकि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के करीबी माने जाते हैं, ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा।
आप ने उतारे ये उम्मीदवार | Chandigarh News
आम आदमी पार्टी ने इन चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार पहले ही घोषित कर दिए हैं। गिद्दड़बाहा से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लो, बरनाला से हरिंदर सिंह धालीवाल, चब्बेवाल से इशांक सिंह चब्बेवाल, और डेरा बाबा नानक से गुरदीप सिंह रंधावा को टिकट मिला है। कांग्रेस और अकाली दल ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
गिद्दड़बाहा से विधायक रहे चुके हैं मनप्रीत
मनप्रीत सिंह बादल, जो गिद्दड़बाहा से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने गिद्दड़बाहा सीट से 1995, 1997, 2002 और 2007 में भी में अकाली दल के टिकट पर चुनाव जीता।
2012 में परिवार में विवाद के कारण उन्होंने चुनाव हारने का सामना किया, जब उन्हें केवल 28% वोट मिले। 2016 में, बादल ने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया और 2017 के विधानसभा चुनाव में बठिंडा शहरी सीट से 58,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की। लेकिन 2022 में वह पुन: चुनाव हार गए, जिससे उन्होंने 12 मार्च 2022 को कांग्रेस से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। 19 जनवरी 2023 को, मनप्रीत ने भाजपा में शामिल होने का ऐलान किया।
2017 में मीत हेयर से हारे थे ढिल्लों | Chandigarh News
केवल ढिल्लों, जो बरनाला से भाजपा के उम्मीदवार हैं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी सहयोगियों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया था। ढिल्लों ने 2007 और 2012 में कांग्रेस के टिकट पर बरनाला से चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया। 2017 में, उन्हें आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह मीत हेयर के खिलाफ लगभग 2,300 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें संगरूर से उम्मीदवार बनाया, जहां वे भगवंत मान के खिलाफ 31,000 से अधिक वोटों से हार गए। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाईकमान ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिससे वह नाराज हो गए और फिर 4 जून 2022 को ढिल्लों भाजपा में शामिल हो गए थे। Chandigarh News
2022 में हार चुके हैं काहलों
रविकरण काहलों, जो डेरा बाबा नानक सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं, पंजाब की सियासत में एक प्रमुख परिवार से जुड़े हुए हैं। उनके पिता, निर्मल सिंह काहलों, 2007 से 2012 तक पंजाब विधानसभा के स्पीकर रहे और 1997 से 2022 तक मंत्री पद का कार्यभार संभाला। 2022 में विधानसभा चुनाव में, रविकरण को अकाली दल ने टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने मात्र 35,000 वोट प्राप्त किए और जीत नहीं पाए। इसके बाद, 2023 में उन्होंने पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया, जहां वे 19 जनवरी को भाजपा में शामिल हुए। Chandigarh News
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