भाजपा को बड़ा झटका देने के मूड में दिखे बीरेन्द्र सिंह

Birender Singh sachkahoon
  • पार्टी में मान ना मिलने से घुटन वाला कोई नेता अभी नहीं बोलेगा
  • बीरेन्द्र ने दी भाजपा व हुड्डा को अपनी सोच बदलने की नसीहत
  • भाजपा को समाज में बड़ा कद रखने वालों को देनी होगी अहमियत : बीरेन्द्र

भिवानी (इन्द्रवेश)। भिवानी पहुँचे भाजपा के दिग्गज नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री Birender Singh ने वर्ष 2024 के चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका देने के संकेत दिए हैं। यही नहीं बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि भले ही भाजपा सबसे बड़ी पार्टी हो, पर टिकट दिग्गजों को छोड़ सिर्फ़ अपनों को दी तो फिर गड़बड़ होगी।

एक तरफ सत्ताधारी पार्टी भाजपा 24 के चुनाव को लेकर जी जान से तैयारियों में जुटी है वहीं दूसरी ओर अपनों की नाराजगी के चलते भाजपा पर 24 से पहले ये 23 का साल भारी पड़ सकता है। भिवानी पहुँचे खुद भाजपा के दिग्गज नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने अपने समर्थकों के साथ चाय पीने के बाद मीडिया से गर्मागर्म बातचीत में इसके संकेत दिए हैं।

Chaudhary Birender Singh

पूर्व मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले नेताओं की भाजपा में अनदेखी के चलते भाजपा छोड़ने की संभावनाओं पर बड़ी ही बेबाकी व हंसते हुए कहा कि मैं और बाकी नेता, जो पार्टी में घुटन महसूस करते हैं, वो सब भविष्य के गर्भ में है। पार्टी में उचित स्थान ना मिलने वाले नेता जल्दबाजी में नहीं, बल्कि चुनाव से 6 महीने पहले फैसला लेंगे।

भिवानी पहुँचे भाजपा के पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी Birender Singh

वहीं 2024 को लेकर बदल रहे राजनीतिक हालातों पर बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि बीजेपी 8 साल पहले तक ऐसी पार्टी थी जिसकी केवल 2-4 सीटें आती थी। पर अब देश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। साथ ही कहा कि भले भाजपा का आधार व कद बड़ा हो गया हो, लेकिन टिकट बाँटने के समय समाज में रुतबा रखने वालों की बजाय सिर्फ़ अपने पूराने कार्यकतार्ओं को आगे रखा तो गड़बड़ होगी। ना केवल भाजपा, बल्कि बीरेन्द्र सिंह ने हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हुड्डा को फ्रÞी हैंड कर दिया है, लेकिन हुड्डा को अब केवल अपने अंदर देखने की बजाय ये भी देखना चाहिए की उनके बाहर भी कांग्रेस है।

कांग्रेस के साथ भाजपा को बीरेन्द्र सिंह की ये नसीहत बड़े मायने रखते है। पहला और बड़ा मतलब यही माना जा सकता है कि भाजपा में घुटन महसूस करने वालों को कांग्रेस में हुड्डा की एक तरफा चौधरी खटकती है यानी उन्हें लगता है कि भाजपा छोड़ा तो फिर कहीं कांग्रेस में हुड्डा इनकी दाल ना गलने दें।

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