बेटी को घोड़ी पर बैठाकर निकाली बिंदोरी, बेटा-बेटी में भेद मिटाने का दिया संदेश

Hanumangarh-News

 पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप सहित कई गणमान्य नागरिकों ने की शिरकत

हनुमानगढ़। वर्तमान में बेटियों के प्रति समाज में जागृति आई है। अब बेटियों को भी बेटों के समान समझा जाने लगा है जो देश व समाज के लिए अभिनव पहल है। ऐसा ही बेटा-बेटी समानता का सन्देश भारतीय जनता पार्टी के नेता ओम सोनी के परिवार ने दिया। ओम सोनी ने गुरुवार को अपनी बेटी कोमल को घोड़ी पर बैठाकर गाजे-बाजे के साथ बिंदोरी निकाली। बेटी को घोड़ी पर सवार देखकर लोगों ने इस पहल की जमकर प्रशंसा की।

खुशी के इस मौके पर पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप सहू, भाजपा जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई, पार्षद हिमांशु महर्षि सहित गणमान्य नागरिकों ने शामिल होकर सोनी परिवार की इस पहल की सराहना की। बिंदोरी में कोमल की सहेलियों, भाई-बहनों, परिवारजनों सहित रिश्तेदारों ने नाचकर खुशियां मनाई। परिवारजनों ने बताया कि बिटिया की बिंदोरी निकालने का एक मात्र उद्देश्य समाज में बेटा-बेटी के भेद को मिटाकर समानता का सन्देश देना है।

कोमल के पिता ओम सोनी ने कहा कि जब समाज में संदेश दिया जाता है कि लडक़ा-लडक़ी एक समान है तो फिर लडक़ा ही घोड़ी पर क्यों बैठता है, लडक़ी घोड़ी पर क्यों नहीं बैठ सकती? इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने बेटी को बिना किसी भेदभाव के हमेशा लडक़ों के समान माना है। बेटा-बेटी समान है। बदलते जमाने के साथ-साथ हर माता-पिता को अपनी सोच में बदलाव कर उनके अधिकार स्वरूप उनको भी उतना ही सम्मान देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में जागृति आती है और बेटा-बेटी समानता के वातावरण का निर्माण होता है। पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप ने कहा कि घोड़ी चढऩे का कार्यक्रम दूल्हे के लिए होता है। लेकिन समाज में एक अच्छा सन्देश जाए, इसके लिए बेटी को भी घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकालने की पहल सराहनीय है। इससे यह सन्देश जाता है कि बेटा-बेटी बराबर हैं। उनमें भेदभाव नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि कोमल के ससुराल पक्ष ने शादी में दहेज को नकारते हुए शगुन के तौर पर मात्र एक रुपया और नारियल स्वीकार किया है।

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