गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह )। गाजियाबाद नगर निगम के डीएम सर्किल रेट से संपत्ति कर बढ़ाने और बिल जारी करने की शंकाओं पर आखिर महापौर सुनीता दयाल ने ब्रेक लगा दिया है। महापौर सुनीता दयाल ने रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि नगर निगम द्वारा डीएम सर्किल रेट के हिसाब से हाउस टैक्स के बिल जारी नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि डीएम सर्किल रेट से संपत्ति कर बढ़ाने की चर्चा सुनाई दे रही हैं। प्रत्येक दो साल में 10 प्रतिशत की दर से संपत्ति कर बढ़ाने का नियम नगर निगम बोर्ड में पहले से प्रस्ताव पास है। ऐसे में इसमें किसी भी तरह का संशोधन निगम सदन की मंजूरी से ही हो सकता है। ऐसे में आने वाले दिनों में संपत्ति कर बढ़ेगा या नहीं, इसका फैसला बोर्ड ही करेगा।
महापौर ने कहा कि बीते 15 फरवरी को कार्यकारिणी बैठक में रखे गए प्रस्ताव में एक अप्रैल-2024 से संपत्ति कर बढ़ाने का फैसला नगर निगम में यथास्थिति का पास हुआ था। उन्होंने कहा कि इन सब के बीच पिछले कई दिनों से निगम जोनल कार्यालयों में पुरानी दरों से संपत्ति कर नहीं लिए जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। महापौर ने शिकायतों का संज्ञान लेते हुए स्पष्ट किया कि डीएम सर्किल रेट से संपत्ति कर नहीं बढ़ेगा। संपत्ति कर कितना बढ़ेगा और कब से बढ़ाया जाएगा, इस पर बोर्ड बैठक में चर्चा होगी। बोर्ड बैठक में जो भी प्रस्ताव पास होगा। उसे ही लागू किया जाएगा।
कुछ पार्षदों ने बताया कि निगम के जोनल कार्यालयों में कुछ दिन पहले हाउस टैक्स जमा करने गए लोगों को पुरानी दरों से टैक्स जमा करने से मना कर वापस लौटा दिया गया था। हाउस टैक्स की नई दरों पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। नगर निगम की तरफ से बिल नहीं भेजे गए हैं। महापौर ने बताया कि ऐसा भी संज्ञान में आया है कि मौके पर बढ़े हुए टैक्स की पर्ची बनाकर दी जा रही है। इस मामले में महापौर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रत्येक दो साल में हाउस टैक्स में वृद्धि की जाती है। अगर फिलहाल हाउस टैक्स में वृद्धि की गई तो नियमानुसार गलत है। इसलिए आचार संहिता खत्म होने के बाद बोर्ड बैठक कराई जाएगी। बोर्ड बैठक में जो प्रस्ताव पास होगा। उसे लागू किया जाएगा। इसलिए शहर की जनता पर हाउस टैक्स का बोझ नहीं डाला जाएगा।
नौ जनवरी को संपत्ति कर बढ़ाने की जारी की गई थी अधिसूचना
बता दें कि बीते 9 जनवरी को नगर निगम अधिकारियों ने डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर बढ़ाने की अधिसूचना जारी की थी,जबकि इसी दिन बोर्ड बैठक में पार्षदों की तरफ पूछे गए सवाल पर अधिकारियों ने टैक्स बढ़ाने से इनकार कर दिया था। ऐसे में 15 फरवरी को हुई कार्यकारिणी की बैठक में एक अप्रैल 2024 से संपत्ति कर बढ़ाने का फैसला नगर निगम को टालना पड़ा था।