बिहार: भाजपा-जदयू में मंत्री पद विवाद के बाद महागठबंधन नेताओं ने कहा- नीतीश साथ आएं तो अच्छा रहेगा

Bihar: After the ministerial dispute in BJP-JDU the alliance leaders said: Nitish would be good to come along

नीतीश कुमार सोमवार को महागठबंधन की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए, भाजपा को निमंत्रण नहीं दिया

राजद नेता डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा- नीतीश की वापसी का वक्त आ गया है

पटना (बिहार)। भाजपा और जदयू में मंत्री पद विवाद के बाद महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार की वापसी चाहते हैं। उनका मानना है कि नीतीश के साथ आने से, राज्य में भाजपा को हराने-भगाने में सहूलियत होगी। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा- “भाजपा को भगाने के लिए विपक्षी दलों में एकजुटता होनी चाहिए। उनकी वापसी का वक्त आ गया है, क्योंकि आने वाले दिनों में भाजपा नीतीश को अपमानित और प्रताड़ित करेगी।” इधर, पूर्व सीएम और हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतनराम मांझी ने कहा, “भाजपा को हराने के लिए नीतीश यदि महागठबंधन के साथ आएं तो बहुत अच्छा रहेगा।”

नीतीश सोमवार को ‘हम’ की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। नीतीश और मांझी गर्मजोशी से गले मिले और एक-दूसरे को बधाई दी। 24 घंटे के भीतर यह दूसरा मौका था, जब नीतीश और मांझी की मुलाकात हुई। इससे पहले मांझी रविवार को पटना के हज भवन में जदयू की इफ्तार पार्टी में अचानक पहुंच गए थे। उधर, जदयू के इफ्तार में भाजपा के नेता नदारद रहे। नीतीश 2017 में महागठबंधन (राजद, हम और कांग्रेस) को छोड़कर भाजपा के साथ आ गए थे।

राबड़ी देवी ने कहा- नीतीश की वापसी महागठबंधन के नेताओं पर निर्भर

रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। तेजस्वी यादव ने क्या स्टाम्प पेपर पर लिखकर दिया है कि नीतीश हमारे साथ नहीं आ सकते?
राजद नेता और पूर्व सीएम राबड़ी देवी का कहना था कि नीतीश का हमारे साथ आना, महागठबंधन के नेताओं की राय पर निर्भर है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा बोले- “राजनीति में संभावनाएं हमेशा जिंदा रहती हैं। दरवाजे खुले हैं।”
मांझी ने कहा, ”भाजपा को हराने के लिए नीतीश यदि महागठबंधन के साथ आएं तो बहुत अच्छा रहेगा। मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि वह महागठबंधन के साथ आएं।”

एनडीए-2 कैबिनेट की शपथ के बाद बढ़ती दिख रही दूरियां

30 मई को केंद्र में एनडीए-2 के कैबिनेट गठन के वक्त जदयू ने सांकेतिक तौर पर शामिल किए जाने पर नाराजगी जताई थी। बताया जाता है कि जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में केवल एक पद दिया जा रहा था, जिस पर पार्टी के नेता तैयार नहीं थे। पार्टी 4 मंत्री पद की मांग कर रही थी। बाद में सीएम नीतीश ने कहा कि हम लोग हर हाल में एनडीए के साथ हैं और रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्‍ताव जदयू को मिला था, लेकिन सांकेतिक भागीदारी का प्रस्ताव पार्टी के नेताओं को पसंद नहीं था।

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