नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। Delhi Liquor Policy: सीबीआई (Cbi) ने दिल्ली एक्साइज नीति केस में दिल्ली के पूर्व सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया व सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामा में कहा गया है कि सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले के आरोपी हैं उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। मनीष सिसोदिया ऐसे केसों में जमानत के लिए ट्रिपक टेस्ट को पूरा नहीं करते क्योंकि वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं। Manish Sisodia Case
इस मामले में पहले ही सबूत नष्ट कर चुके हैं व पूछताछ के दौरान असहयोग कर रहे हैं। वहीं उनकी पत्नी की बीमारी की कोई नई बात नहीं है बल्कि सिसोदिया की पत्नी का इलाज 23 वर्ष से चल रहा है। खुद मनीष सिसोदिया दिल्ली हाईकोर्ट से ये याचिका वापस ले चुके हैं ऐसे में उनको अंतरिम जमानत याचिका नहीं दी जा सकती।
वहीं सीबीआई ने हलफनामा में कहा कि मनीष सिसोदिया को आगे की जांच की दिशा के बारे में पूरी जानकारी है। इस मामले में बड़ी साजिश व पंजाब के उत्पाद शुल्क अधिकारियों की भूमिका भी शामिल है। सीबीआई ने कहा कि इस बात की पूरी आशंका है कि अगर मनीष सिसोदिया को जमानत पर रिहा किया गया, तो वह सुबूतों के साथ छेड़छाड़ करें व गवाहों को प्रभावित किया जाएगा। सीबीआई ने यह बात का भी जिक्र किया कि जिस दिन आबकारी नीति घोटोले का केस गृहमंत्रालय ने सीबीआई को सौंपा उसी दिन मनीष सिसोदिया ने अपना मोबाइल फोन नष्ट कर दिया था।
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शराब नीति को प्रभावित करने का आरोप | Manish Sisodia Case
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की एकल पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले में सिसोदिया के अलावा सह आरोपी विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और बी. बाबू को जमानत देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति शर्मा ने अपने आदेश में कहा था कि यह मामला सार्वजनिक धन के भारी नुकसान और गहरी साजिश करने के आरोप पर आधारित है। याचिकाकर्ता सिसोदिया के खिलाफ इस मामले में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसलिए इस मामले को कुछ अलग तरीके से देखना होगा। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया पर बाहरी लोगों की सलाह पर शराब नीति को प्रभावित करने के आरोप हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है जमानत याचिका
उच्च न्यायालय की इसी पीठ ने सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की जमानत याचिका 30 मई को खारिज कर दी थी। तब इसी एकल पीठ ने सिसोदिया की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता प्रभावशाली व्यक्ति है। जमानत मिलने के बाद वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। इस वजह से उसे जमानत नहीं दी सकती। इससे पहले राउस एवेन्यू स्थित एम. के. नागपाल की विशेष अदालत ने 31 मार्च को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सिसोदिया ने विशेष अदालत के इस फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय चुनौती दी थी।
विशेष अदालत ने ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित प्राथमिकी में सिसोदिया की जमानत याचिका 28 अप्रैल खारिज कर दी थी। सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद है।
सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिसोदिया से पूछताछ की थी और पर नौ मार्च को गिरफ्तार किया था। बाद में विशेष अदालत ने ईडी की याचिका पर सिसोदिया को उसकी हिरासत में भेजा दिया था। सिसोदिया की ईडी की हिरासत खत्म होने के बाद इस मामले में भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। सीबीआई ने 17 अक्टूबर 2022 को सिसोदिया से पूछताछ की थी और उनके तथा 14 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।