सरसा। कल से डेरा सच्चा सौदा सरसा में होने वाली नामचर्चा का समय बदल कर सोमवार से शनिवार तक 10 ये 11 बजे तक हो गया है जी, जो पहले 11 से 12 बजे तक का था, और रविवार की नामचर्चा का समय 10 से 12 बजे तक को हो गया है जो पहले 11 से 1 बजे तक का था।
दुनिया की एकमात्र फौज
- सरसा शहर में 1993 में घग्गर की बाढ़ के दौरान दरार भरने और राहत सामग्री बांटने का कार्य किया।
- सन् 1999 में उड़ीसा में आए चक्रवात के दौरान डेरा सच्चा सौदा ने पीड़ितों में 26000 क्विंटल राहत सामग्री बांटी।
- सन् 2001 में जब राजस्थान सूखे की चपेट में आया तो पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां स्वयं जिला उदयपुर व बाड़मेर पधारे। आप जी के पावन सान्निध्य में 240 ट्रक तूड़Þी, 25 ट्रक गेहंू, 2 ट्रक कपड़े, उदयपुर, बीकानेर व बाड़मेर में बांटे गए तथा 150 गांवों में पानी का प्रबंध किया गया।
- सन् 2001 में गुजरात में भूकंप से भयानक तबाही मची तो पूज्य गुरु जी स्वयं गुजरात के भुज क्षेत्र में पधारे।
- मुसीबत के मारो की आप जी के पावन सान्निध्य में 3000 सेवादारों ने 42 गांवों में 7 करोड़ रुपये की खाद्य वस्तुएं, दवाइयां, कंबल, कपड़े बांटें व तंबू लगाकर दिए। सेवादारों ने लकड़ी के 104 मकान बनाकर दिए, जो तकनीकी दृष्टि से विश्व में सुरक्षित माने गए।
- सन् 2004 में अंडमान-निकोबार में सुनामी आई तो भयानक हालातों के बावजूद सेवादारों ने हजारों पीड़ित लोगों को राहत सामग्री बांटी व स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई।
- सन् 2004 में बिहार में बाढ़ दौरान 400 लोगों को राहत सामग्री बांटी गई।
- अक्तूबर 2005 में जम्मू-कश्मीर में आए भूकंप के दौरान तीन हजार परिवारों को राहत सामग्री बांटी गई व मकान बनाकर दिए गए।
- फरवरी 2005 में जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी से तबाही के बाद डेरा सच्चा सौदा ने अनंतनाग जिले के 60 गांवों में 1500 क्विंटल राहत सामग्री बांटी।
- सन् 2006 में बाड़मेर (राजस्थान) में बाढ़ के दौरान 1500 परिवारों को राहत सामग्री घर-घर जाकर बांटी। यहां पूज्य गुरु जी के पावन सान्निध्य में 22 घंटों में 32 गुणा 45 साइज के 38 कमरों का निर्माण कर प्रभावित लोगों के पुर्नवास का प्रबंध किया।
- सन् 2008 में उड़ीसा में आई बाढ़ के दौरान 27 गांवों में राहत सामग्री बांटी गई।
- सन् 2008 में राहत बिहार में आई बाढ़ के दौरान डेरा सच्चा सौदा ने जिला दरभंगा के 400 गांवों में राहत सामग्री बांटी।
- 6अप्रैल, 2009 को इटली में जोरदार भूकंप में 260 लोग मारे गए। 1,000 लोग घयल व 28000 लोग बेघर हो गए थे। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सदस्य वेरोना से लाकुला तक 900 किमी. सफर तय करके भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए खाद्य सामग्री के साथ पहुंचे। इसके अतिरित भूकंप पीड़ितों के लिए विशाल रक्तदान शिविर भी लगाया गया।
- सरसा शहर में 2010 में घग्गर की बाढ़ के दौरान दरार भरने और राहत सामग्री बांटने का कार्य किया।
- 2012 में जयपुर में आई बाढ़ के दौरान हजारों परिवारों को राशन बांटा।
- 18 अप्रैल 2012 को फिजी में आई बाढ़ पीड़ितों के लिए न्यूजीलैंड व आस्ट्रेलिया के विंग सेवादारों ने राहत सामग्री जुटाई और मदद की।
- 21 अप्रैल, 2012 रात को दार्जलिंग में भीषण आग लगी और 100 दुकानों तथा दो-पांच मंजिला होटलों को अपनी चपेट में ले लिया। उन दिनों गुरू जी सैकड़ों अनुयायियों के साथ रूहानी यात्रा के लिए दार्जलिंग में प्रवास के लिए ठहरे हुए थे। आग का समाचार पाते ही 1000 सेवादार 20-25 मिनटों में वहां पहुंच गए।
- 17 अप्रैल,2012 को जालंधर की शीतल फाइबर इंडस्ट्री में धमाका हुआ व बेसमेंट को छोड़कर पूरा हिस्सा वेल्फेयर मलबे में तबदील हो गया। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के 1500 सेवादार पहुंचकर दबे लोगों को निकालने में जट गए। मलबे से कई शवों के साथ 59 लोगों जीवित निकला।
- 19 जून 2013 को उत्तराखंड में हुई त्रासदी के पीड़ितों के लिए 10,000 परिवारों को विंग सेवादारों ने घर-घर पहुंचकर राशन बांटा।
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