Income Tax: आईटीआर भरने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, पुराने टैक्स रिजीम से ITR भरें, 6 अहम छूट पाएं

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Income Tax आईटीआर भरने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, पुराने टैक्स रिजीम से ITR भरें, 6 अहम छूट पाएं

Income Tax Return: आईटीआर फिल करने वालों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी खुशखबरी (Income Tax) सुनाते हुए ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत पूरे 6 तरह की छूट का फायदा दिया है। साथ ही न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की सालना इनकम पर टैक्स छूट का फायदा दिया है। उल्लेखनीय है कि इस बार फरवरी में पेश किए बजट में वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स में बदलाव का ऐलान किया था। वित्त मंत्री के अनुसार नई आयकर व्यवस्था के तहत छूट बढ़ाने के बाद 7 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले टैक्सपेयर्स को टैक्स में 33,800 रुपये की बचत होगी।

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आईटीआर भरने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, पुराने टैक्स रिजीम से ITR भरें, 6 अहम छूट पाएं

आईटीआर फिल करने के लाभ | Income Tax Return

बता दें कि नए टैक्स रिजीम में कुछ लाभ मिलते हैं लेकिन इसमें किसी इंवेस्टमेंट पर छूट हासिल नहीं होती है हालांकि नए टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को जरूर जोड़ा गया है। वहीं अगर आपको इंवेस्टमेंट पर या अन्य छूट चाहिए तो पुराने टैक्स रिजीम के हिसाब से टैक्स दाखिल करना होगा। पुराने टैक्स रिजीम में विभिन्न प्रकार की छूट मिलती है। जो इस प्रकार से हैं:-

स्टैंडर्ड डिडक्शन : वेतनभोगी व्यक्तियों को 50000 रुपये की छूट | Income Tax

2. धारा 80 सीसीडी (1बी) – एन पी एस अकाउंट में जमा राशि के लिए 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कटौती का फायदा मिलेगा।
3. धारा 80टीटीए : यह धारा एक व्यक्ति या एक एचयूएफ के लिए बैंक, सहकारी समिति या डाकघर के बचत खाते से ब्याज आय पर अधिकतम 10,000 रुपये की कटौती प्रदान करती है।

4. धारा 80डी : यह स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की अनुमति देता है।

5. धारा 80जी : पात्र ट्रस्टों और धर्मार्थ संस्थाओं को दिया गया दान कटौती योग्य।

6. धारा 80सी : ईपीएफ और पीपीएफ, ईएलएसएस, जीवन बीमा प्रीमियम, गृह ऋण भुगतान, एसएसवाई, एनएससी और एससीएसएस में निवेश करते हैं और छूट हासिल करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आईटीआर फिल करने वालों को अपना इनकम टैक्स 31 जुलाई 2023 तक भरना जरूरी है। इस बीच अगर आप नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था में से किसी का भी चयन नहीं करते हैं तो आपका टीडीएस नए टैक्स रिजीम के तहत काटा जाएगा। Income Tax

सेंट्रल बोर्ड आॅफ डायरेक्ट टैक्स के एक सर्कुलर अनुसार ‘यदि कर्मचारी द्वारा सूचना नहीं दी जाती है, तो यह माना जाएगा कि कर्मचारी डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था में बना हुआ है और उसने नई टैक्स व्यवस्था से बाहर निकलने के विकल्प का प्रयोग नहीं किया है। ऐसे मामले में नियोक्ता अधिनियम की धारा 115बीएसी की उप-धारा (आईए) के तहत प्रदान की गई दरों के अनुसार, अधिनियम की धारा 192 के तहत आय पर स्रोत पर कर कटौती करेगा’। Income Tax

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