Haryana Board Exam: हरियाणा बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर हुआ बड़ा बदलाव, जानिये…

Haryana Board Exam
Haryana Board Exam: हरियाणा बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर हुआ बड़ा बदलाव, जानिये...

Haryana Board Exam:  हिसार, सच कहूँ/संदीप सिंहमार। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 27 फरवरी से शुरू होने जा रही कक्षा दसवीं व बारहवीं की परीक्षा पहली बार सीबीएसई की तर्ज़ पर आयोजित करवाई जाएंगी। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस संबंध में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नए प्रश्नपत्र डिजाइन भी उपलोड कर दिए हैं,ताकि शिक्षक व विद्यार्थी परीक्षा के संबंध में अपने संदेह दूर कर सके। इस कदम के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जो शिक्षा क्षेत्र में विद्यमान प्राथमिकताओं और चुनौतियों का संकेत करते हैं। यह बदलाव केवल एक परीक्षा प्रणाली में परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह शिक्षण और अधिगम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो निश्चित रूप से छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए चुनौतियों और अवसरों की नई श्रृंखला उत्पन्न करेगा। हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने जो परीक्षा प्रणाली अपनाई है,उससे बच्चों में रचनात्मकता आएगी। ऐसा रटंत या कुटेव से बचने के लिए किया गया है। ताकि बच्चे रटने की बजाए अपनी समझ से परीक्षा दे सके।

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सीबीएसई के प्रति बढ़ता रुझान | Haryana Board Exam

हाल के वर्षों में, हरियाणा में छात्रों और अभिभावकों का रुख तेजी से सीबीएसई के स्कूलों की तरफ बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण सीबीएसई की पाठ्यक्रमों में लचीलापन और परीक्षा प्रणाली का पारदर्शी प्रारूप है, जो छात्रों को परिवर्तनशील शैक्षिक मांगों में बेहतर तरीके से जांचने और सीखने की अनुमति प्रदान करता है। सीबीएसई की परीक्षा प्रणाली में छात्रों के ज्ञान और कौशल को सही मुकाम पर लाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रश्नों, जैसे बहुविकल्पीय प्रश्नों, संक्षिप्त उत्तर और दीर्घ उत्तर के प्रश्नों का समावेश किया गया है, जिससे छात्र केवल रटने की बजाय सोचने और समझने पर जोर देते हैं।

सरकारी स्कूलों की संबद्धता

हरियाणा सरकार ने पिछले वर्षों में अपने सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से भी संबद्धता दिलाने का प्रयास किया, ताकि छात्र अपने ही स्कूलों में अध्ययन कर सकें। यह कदम यह इशारा करता है कि सरकार सीबीएसई के मानकों को अपनाते हुए, अपने सरकारी और उच्च गुणवत्ता वाले निजी स्कूलों के बीच प्रतियोगिता को संतुलित करना चाहती है। सरकारी स्कूलों में सीबीएसई की पाठ्यক্রম को लागू करना आवश्यक था, ताकि वे शिक्षा के स्तर में सुधार कर सकें और छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान कर सकें।

परीक्षा प्रणाली पर संदेह | Haryana Board Exam

बच्चों को हरियाणा बोर्ड की परीक्षा प्रणाली पर भरोसा नहीं रह गया है। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं। सबसे पहले, पिछले कुछ समय में हरियाणा बोर्ड की परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की कमी और परिणामों की संसाधनों में असामान्यताएं स्पष्ट हुई हैं। कई छात्र एवं अभिभावक परीक्षा से संबंधित प्रक्रियाओं में अव्यवस्थाओं के बारे में शिकायतें करते रहे हैं, जिसके कारण छात्रों के भविष्य पर नकारात्मक असर पड़ा है। दूसरी बात, तकनीकी प्रगति के चलते, छात्र अब अधिक प्रतिस्पर्धी माहौल में जी रहे हैं, जिसमें उन्हें एक उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है, जो हरियाणा बोर्ड के मौजूदा ढांचे से बेहतर हो।

यह है सरकार का उद्देश्य

हरियाणा सरकार का यह कदम न केवल शिक्षा प्रणाली में सुधार करने का प्रयास है, बल्कि यह छात्रों को एक उचित और कुशल परीक्षा प्रणाली के माध्यम से एक सुनहरा भविष्य प्रदान करने का भी प्रयास है। सीबीएसई की परीक्षा प्रणाली को अपनाने से यह सुनिश्चित होगा कि सभी छात्रों को एक समान अवसर मिले और वे परीक्षाओं में अपनी क्षमताओं को सही तरीके से प्रदर्शित कर सकें। इससे न केवल छात्रों की शैक्षिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने में भी सहायता मिलेगी।

सकारात्मक में परिवर्तन की उम्मीद

इस संबंध में एशियन काउंसिल फ़ॉर एडुकेशन एंड रिसर्च की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. पीके लुहानिवाल ने कहा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का सीबीएसई की तर्ज़ पर कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा आयोजित करने का निर्णय एक सकारात्मक परिवर्तन है। यह न केवल सरकारी स्कूलों के लिए अवसर प्रदान करेगा, बल्कि छात्रों के लिए भी एक सशक्त, पारदर्शी और प्रभावी शिक्षा प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करेगा। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह परिवर्तन शिक्षा जगत पर किस प्रकार का प्रभाव डालता है और किस प्रकार से अभिभावक और छात्र इसे अपनाते हैं। यह निर्णय हरियाणा की शिक्षा प्रणाली के लिए एक नई दिशा और नई संभावनाओं का संचार करेगा।

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