नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। Lok Sabha सचिवालय ने वायनाड से कांग्रेस सांसद (Rahul Gandhi) राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी। लोकसभा सचिवालय ने इस संबंध में जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी देते हुए बताया कि श्री गांधी की सदस्यता सूरत की एक अदालत के फैसले के मद्देनजर संविधान के अनुच्छेद 102(1-ई) की व्यवस्था के तहत रद्द की गयी है।
क्या है मामला | Rahul Gandhi
गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत ने मानहानि मामले में गुरुवार को गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनायी थी। कांग्रेस नेता को कर्नाटक में एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गयी एक टिप्पणी के आधार पर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया गया था और उसके बाद लोकसभा सदस्य के रूप में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। कानून के जानकारों के अनुसार जनप्रतिनिधि कानून के तहत सांसद या विधायक को किसी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो फिर उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है और सजा पूरी करने के बाद उन्हें छह वर्ष तक चुनाव लड़ने से भी अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
प्रदर्शनकारी हिरासत में | Rahul Gandhi
गांधी के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से नाराज कांग्रेस सांसदों तथा अन्य नेताओं ने यहां प्रदर्शन किया, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पार्टी के जिन नेताओं को हिरासत में लिया गया है, उनमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, लोकसभा में पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी, सांसद के. सुरेश, मणिकम टैगोर, इमरान प्रतापगढ़ी, रवनीत सिंह बिट्टू, प्रो जयकुमार, शिवदासन, डॉ. अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, मोहम्मद जावेद, जसबीर सिंह डिंपा, विनीत पुनिया और मनोज त्यागी आदि शामिल है।
हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित | Rahul Gandhi
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही दूसरी बार तीन बजे तक स्थगित करनी पड़ी। भोजनावकाश के बाद उपसभापति हरिवंश में सदन की कार्यवाही शुरू करने का प्रयास किया तो दोनों पक्ष शोर-शराबा करने लगे। उन्होंने सदस्यों से शांत होने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। सदस्यों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सदन में अव्यवस्था बनी हुई है, इसलिए कार्यवाही 3:00 बजे तक स्थगित की जाती है। इससे पहले सुबह सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि नियम 267 के तहत 14 सदस्यों ने नोटिस दिया हैं, जिन्हें अस्वीकार कर दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि वे नियमों के अनुरूप नहीं थे। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी सीट से हंगामा शुरू कर दिया।
भाजपा के सदस्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के विदेश में दिये गए (Rahul Gandhi) बयान को लेकर माफी मांगने की मांग कर रहे थे, जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अदानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहे थे। सभापति ने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से अव्यवस्था है, इसलिए वह सदन की कार्यवाही अपराह्न ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर रहे हैं। नियम 267 के तहत नोटिस देने वाले प्रमुख सदस्यों में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, श्रीमती रंजीता रंजन, केसी वेणुगोपाल, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इलामारम करीम शामिल थे।
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