नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह पर महाराष्ट्र में दर्ज सभी मुकदमे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को हस्तांतरित करने का गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के परम बीर सिंह पर दर्ज पांचों प्राथमिक को केंद्रीय जांच एजेंसी को हस्तांतरित करने का महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया।
पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह से जुड़े मामलों की सभी दस्तावेज एक सप्ताह के भीतर सीबीआई को उपलब्ध करा दे। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश कहा, “हमारा मानना है कि राज्य को ही जांच कराने की पेशकश करनी चाहिए थी।” पूर्व पुलिस अधिकारी ने बांबे उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिलने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
उन्होंने शीर्ष अदालत से अपने खिलाफ दर्ज सभी अपराधिक मामले सीबीआई को हस्तांतरित करने का निर्देश राज्य सरकार को देने की गुहार लगाई थी। भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच के पूर्व अधिकारी ने गिरफ्तारी से राहत की भी गुहार लगाई थी। अदालत (Supreme Court) ने उनकी गिरफ्तारी पर लगाई थी।
क्या है मामला
पीठ ने पूर्व की सुनवाई के दौरान पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र सरकार एवं अन्य की दलीलें सुनने के बाद कहा था, “यह परेशान करने वाली स्थिति है, जहां पुलिस के मुखिया रहे व्यक्ति को अपने ही पुलिस बल पर भरोसा नहीं है और न ही राज्य सरकार को सीबीआई को पर विश्वास।”शीर्ष अदालत ने इससे पहले 11 जनवरी और पिछले छह दिसंबर को अपने अंतरिम आदेश में परम बीर सिंह को गिरफ्तारी से राहत दी थी तथा महाराष्ट्र सरकार से कहा था कि वह सिंह के खिलाफ दर्ज अपराधिक मुकदमों की जांच जारी रखें, लेकिन उन मामलों में आरोप पत्र दाखिल न करें।
पूर्व पुलिस आयुक्त ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि वह उनसे 100 करोड़ रुपए अवैध रूप से हर महीने देने की मांग की थी। सिंह पर मुंबई के पुलिस आयुक्त रहते हुए एक होटल व्यवसाई से लाखों रुपए की अवैध वसूली करने समेत कई अपराधिक मामले मुंबई के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। सिंह के अलावा मुंबई पुलिस के एक अन्य अधिकारी समेत कई अन्य आरोपी हैं।
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