अकाली दल को बड़ा झटका, मनजिंदर सिंह सिरसा भाजपा में हुए शामिल

Manjinder Singh sachkahoon

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता एवं राजौरी गार्डन के पूर्व विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता हासिल कर ली है और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। सिरसा ने बुधवार को भाजपा में शामिल होने से पहले डीएसजीएमसी के जनरल हाउस के सभी सदस्यों के समक्ष अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने इसके अलावा डीएसजीएमसी के आगामी आंतरिक चुनाव भी न लड़ने का एलान किया। उस वक्त उन्होंने बेशक इसके पीछे निजी कारण का हवाला दिया, लेकिन शाम को उनके भाजपा में शामिल होने के बाद इस कारण का खुलासा हो गया।

क्या है मामला

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की सलाह पर दिल्ली में सभी अकाली नेताओं ने भाजपा के साथ संबंध तोड़ दिए थे। यह भी कहा गया था कि अगर कोई अकाली नेता भाजपा के साथ संबंध रखता है तो उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा। ऐसे में अब सिरसा ने अकाली दल और दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी को छोड़ कर भाजपा को तरजीह दी है। सिरसा ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत और पंजाब भाजपा के प्रभारी दुष्यंत गौतम की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। सिरसा ने कहा, ‘मैं पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह को धन्यवाद देना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे भाजपा में शामिल होने का मौका दिया।

पंजाब चुनाव में पार्टी को इसका लाभ होगा

पंजाब के चुनाव प्रभारी शेखावत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘उत्तर भारत की राजनीति में सिख चेहरों में जो चेहरा दिमाग में आता है, वह सिरसा का है। भाजपा परिवार में इनका स्वागत है। पंजाब चुनाव में पार्टी को इसका लाभ होगा। सिरसा के इस कदम से न केवल राष्ट्रीय स्तर की राजनीति, बल्कि दिल्ली की सिख राजनीति में भी हलचल है। इस पर शिअद के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं डीएसजीएमसी के महासचिव हरमीत सिंह कालका ने यूनीवार्ता से कहा, ‘पार्टी के साथ गलत किया गया है। यह सिरसा ही बता सकते हैं कि उन्होंने किसके दबाव में यह कदम उठाया है। जब सरकारों का हस्तक्षेप शुरू होता है तब ऐसी चीजें होती हैं। उन्होंने मेरे जरिए जनरल हाउस को इस्तीफा सौंपा है जो कानूनी रूप से मान्य नहीं है, क्योंकि इस्तीफा जनरल हाउस में सौंपा जाता है, जिसे बुलाने की अभी पावर नहीं है।

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