- संगरूर चेंबर ने मुख्यमंत्री को सौंपे कई अहम सुझाव
- फ़सली चक्र बदलने की राईसीला ग्रूप की अहम पहल की सीएम ने की प्रशंसा
संगरूर| पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ उघोगपतियों की हुई बैठक में संगरूर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री चेंबर ने कई अहम मुद्दे उठाए हैं । मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तमाम मुद्दों की समीक्षा करके बेहतर फ़ैसले लेने का भरोसा दिलाते कहा कि उघोगों के प्रफुल्लित होने से पंजाब सही मायनों में तरक़्क़ी करेगा । चेंबर के चेयरमैन डा एआर शर्मा और वाइस चेयरमैन घनश्याम कांसल की ओर से मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंपे सुझाव पत्र में सीएलयू प्रक्रिया की जटिलताओं को सरल बनाने का मुद्दा उठाया गया। चेंबर ने सुझाव दिया कि ज़मीन की रजिस्ट्री के वक़्त ही कोई विशेष फ़ीस लेकर इसकी औपचारिकता पूरी की जाए। जिसको गंभीरता से लेते मुख्यमंत्री ने तुरंत अधिकारियों को आदेश दिए । साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उघोगों के लिए पानी के दाम कम करने संबंधी अधिकारियों को नीति बनाने के आदेश दिए । वैट तथा पावर रिफंड के लंबित मामले तुरंत निपटाने की माँग की गई ।इस दौरान डा एआर शर्मा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को बताया कि राईसीला इंडस्ट्री ने सीएम के ग्रह ज़िले संगरूर में 218 एकड़ ज़मीन पर हाईब्रिड सरसों की बिजाई अपने खर्च पर करवाई है । इससे पंजाब सरकार के फ़सली चक्र को बदलने के अभियान को गति मिलेगी और साथ ही पानी बचत की दिशा में कदम बढ़ेगा । मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस प्रयास के लिए राईसीला इंडस्ट्री की भरपूर प्रशंसा की ।
यह भी पढ़ें-बोरवेल में गिरा बालक, सलामती के लिए करोड़ों डेरा अनुयायियों ने पूज्य गुरु जी से की अरदास
सीएम ने सीएलयू नीति सरल बनाने व पानी के दाम कम करने के दिए आदेश
पंजाब विकास कर केवल पंजाब राज्य में लागू है।उद्योगों को पिछली तारीख से कर जमा करने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं । हम राज्य कर विभाग द्वारा सभी नोटिस मुद्दे को वापस लेने और राज्य में पंजाब राज्य विकास कर को समाप्त करने का अनुरोध करते हैं। बिजली की इस लागत की समीक्षा करनी चाहिए। पंजाब सरकार ने पंजाब जल विनियमन और विकास प्राधिकरण का गठन किया है। लेकिन भूजल निकालने की अनुमति के लिए शुल्क बहुत अधिक हैं। सरकार को इस अधिनियम की समीक्षा करनी चाहिए और पंजाब आधारित उद्योग को प्राधिकरण से किसी भी एनओसी के बिना चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए । जमीन से पानी को निकालने के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाए । विशेष रूप से वो उद्योग जो केवल घरेलू उद्देश्य के लिए भूजल का उपयोग कर रहा है। पंजाब सरकार के सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश होना चाहिए कि यदि माल की खरीद की कोई आवश्यकता है तो राज्य की एमएसएमई इकाइयों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यह न केवल उद्योग के उत्थान में लाभान्वित होगा बल्कि राज्य के विकास में भी मदद करेगा और बेहतर रोजगार भी प्रदान करेगा। इस दौरान राजिंदर गुप्ता, प्यारा लाल सेठ, आरएस सचदेवा उपस्थित रहे ।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।