सावधान…हैकर्स से देश की सुरक्षा को खतरा

Twitter Hacked

है से पूरा विश्व परेशान हैं। हम इनके विषय में लगातार सुनते भी रहते हैं। इनके जाल बड़े स्तर फैलने से अब सरकारों के काम पर भी असर पड़ने लगा। यदि हिन्दुस्तान के परिवेश की बात की जाए तो बीते लगभग एक वर्ष में भारत में 110 वेबसाइट हैक हुई हैं जिसमें से लगभग पचास महत्वपूर्ण साइट केंद्र सरकार व राज्य सरकारों की हैं। यह हैकर्स हमारे देश के नही हैं बल्कि चीन, पाकिस्तान, नीदरलैंड, फ्रÞांस, ताइवान, रूस, सर्बिया जैसे देशों से हैं जो हमारी सुरक्षा में सेंध लगा रहे हैं। कल यह मामला राज्यसभा में भी उठाया गया और केंद्र सरकार ने कहा कि साइबर टीम भी यह मान रही है कि साइबर सुरक्षा तंत्र को और अधिक सुरक्षित करने की जरुरत है।

हैक होने की जानकारी सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंडियन कम्प्यूटर इमर्जेंसी रेस्पांस टीम के हवाले से दी और यह भी बताया कि जो बेवसाइट हैक हुई हैं उनके आईपी एड्रेस से पता चला है कि सबसे ज्यादा पाकिस्तान और चीन से हैक किया जा रहा है। साथ ही सरकार ने यह भी बताया कि हमारी सरकार, साइबर सुरक्षा सीईआरटी-इन अन्य देशों के साथ लगातार संपर्क में रहती हैं जिससे हैकिगं न हो। लेकिन देश की इतनी महत्वपूर्ण वेबसाइटें हैक होने से स्पष्ट हो रहा है कि इतने दावों के बाद भी साइबर स्पेस सुरक्षा अभी बेहद कमजोर हैं। यह मामला पहली बार नही हुआ है लेकिन आज के डिजिटल युग में ऐसी घटना हमारे लिए शर्मनाक हैं क्योंकि हम डिजिटल युग की ओर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

इसी वर्ष पाकिस्तानी हैकर्स ने करीब सौ अन्य वेबसाइट हैक की थी जिसमें बीजेपी के नागपुर दफ्तर व गुजरात की वेबसाइट के अलावा भाजपा नेता आईके जडेजा का ब्लॉग भी था। इसके अलावा अगस्त 2019 में ही अमेरिकी का साइबर सुरक्षा फर्म फायरआइ ने बताया था कि हैकर्स ने भारत की एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा वेबसाइट को हैक कर लिया था। हैकर्स ने मरीज और डॉक्टर की जानकारी वाले 68 लाख रिकॉर्ड को चोरी कर लिया। हालांकि फायर आइ वेबसाइट का नाम नही बताया था लेकिन यह जानकारी दी थी कि इसमें अधिकतर हैकर्स चीन के थे जो स्वास्थ्य संगठनों और वेब पोर्टलों से चोरी किए गए डेटा को बेच रहे थे।

जग-जाहिर है कि मौजूदा समय में हमारे देश में इंटरनेट का बिजनेस बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए इंटरनेट प्रक्रिया को सुरक्षित करना किसी चुनौती से कम नही है। पिछले दशकभर की बात करें तो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा डिजिटल होने का दावा हम करते आ रहे हैं। तरक्की की तस्वीर भी अच्छे परिदृश्य के साथ दिख भी रही है। परिवर्तन युग के सबसे बड़ा गवाह हम ही बन रहे हैं लेकिन हैकर्स हमारी इस तरक्की में बाधा बन रहे हैं। अब आम से लेकर खास डिजिटल इंडिया का हिस्सा बन रहा है। आज हर व्यक्ति एक मोबाइल से अपनी जिंदगी से जुडे हर कार्य को करने लगा। हर चीज का ऐप बन रहा है।यदि लोगों को यह आभास हो जाए कि हमारे देश में इतनी महत्वूर्ण साइट हैक हो रही हैं तो उनके छोटे से सिस्टम को हैक करना कोई बड़ी बात नही रह जाएगी जिससे हमारी गति रुक सकती है।

यदि देश की सुरक्षा के अन्य पहलू की बात करें तो पिछले दिनों सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर अनिका चोपड़ा नाम की एक महिला भारतीय सेना के जवानों को अपनी अदाओं का दीवाना बनाकर खुफिया जानकारी लेती थी। सूत्रों के अनुसार अनिका चोपड़ा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की एजेंट थी जो जवानों को हनीट्रैप का शिकार बनाती है। यह महिला इससे पहले भी कई अन्य भारतीय सेना से जुड़े युवकों को भी अपने जाल में फंसा चुकी थी। हालांकि यह तय नही हो पाया था कि इसका नाम सही है या नही लेकिन यह पाकिस्तान के लिए काम करती थी,इस बात की पुष्टि हो गई थी। हमारे आस पास के कई देश किसी भी हाल में हमारे देश की खुफिया जानकारी लेने का प्रयास करते रहते हैं। यह तो एक-दो उदाहरण जो हमारे सामने आ रहे हैं, न जाने इसके अलावा भी किस-किस माध्यम से हम पर निगाह बनाई जा रही है।

सरकार को हैकर्स का खेल समझते हुए इस दिशा में बहुत काम करना होगा क्योंकि यदि किसी दिन कोई बड़ी घटना हो गई और देश का भारी नुकसान हो गया तो हाथ मसलने और निंदा करने के अलावा कुछ और नहीं बचेगा। जान-माल के अलावा के भी नुकसान के कई रुप हो सकते हैं। केंद्र सरकार को यहां अपने उन मुल्कों से सहायता लेनी चाहिए जो इस मामलें में अच्छे से काम कर रहे हैं या यूं कहे कि इस मामले में हमसे मजबूत हैं। यदि ऐसे मामलों के इतिहास को देखा जाए तो हैकर्स ने कई देशों को नुकसान पहुंचाया है।

खुफिया जानकारी के अलावा स्वास्थ संबंधित सेवा के सिवाय देश की बड़ी कंपनियों को क्षति पहुंचाई जाती है। आज लगभग सभी सरकारी काम भी वेबसाइटों द्वारा होने लगे। हर छोटे-बड़े काम करने के लिए हम इंटरनेट का प्रयोग करते हैं।इसमें भी दो राय नही है कि हमनें इस क्षेत्र में बहुत काम भी किया है और अभी भी लगातार जारी भी है लेकिन अब इसके और विस्तार से पहले इसकी तंत्र सुरक्षा करना बेहद अनिवार्य है। यह मुद्दा बेहद सूझबूझ का भी है तो इसलिए इसके हर पहलू को समझकर कड़े कदम उठाने होंगे।
-योगेश कुमार सोनी

 

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