Best Earth Dweller: सबसे अच्छे धरतीवासी

Best Earth Dweller
Best Earth Dweller: सबसे अच्छे धरतीवासी

Best Earth Dweller: कुशीनगर कस्बे से कुछ दूरी पर एक वैज्ञानिक डॉ. कृष्णकांत रहते थे। उनका एक बेटा था कपिल। कपिल को पढ़ने का बहुत शौक था। वह अपने पिता से तरह-तरह के प्रश्न पूछता रहता था। उसका मन बहलाने के लिए उसके पिता ने उसे दो पालतू जानवर ला दिए थे।

एक दिन कपिल के पिता ने उसे अंतरिक्ष से संबंधित एक किताब दी। कपिल अपने पालतू कुत्ते पिक्कू और टीटू तोते को ले कर पार्क में किताब पढ़ने चला गया। वहां कुछ देर खेलने के बाद वह किताब पढ़ने लगा। फिर उसे नींद आ गई।
अचानक उसे लगा कि थोड़ी दूरी पर प्रकाश फूट रहा है। वह एक पेड़ के पीछे छिप कर देखने लगा। वह एक उड़न तश्तरी थी। उसका दरवाजा खुला था। कपिल उत्सुकतावश उसमें चला गया। उसके अंदर घुसते ही दरवाजा बंद हो गया। पल भर में उड़न तश्तरी अंतरिक्ष में जा पहुंची।

कपिल आंखें फाड़-फाड़ कर चमकते तारों, उपग्रहों, उल्का पिंडों को पहली बार इतने नजदीक से देख रहा था। कुछ देर बाद उड़न तश्तरी शनि ग्रह पर उतर गई। वहां अजीब-अजीब से प्राणी घूम रहे थे पर किसी ने उसकी तरफ देखा तक नहीं। उसे भूख लगी थी, पर कोई खाने तक के लिए नहीं पूछ रहा था। वहां उसे ऐसा कुछ न मिला जो उसके मन को मोह सके। वह रोने ही वाला था कि भौंकने की आवाज सुन कर हड़बड़ा गया। उसने देखा, वह तो सपनों में खो गया था। वह तुरंत घर की ओर वापस चल पड़ा। वह समझ गया था कि धरती के लोगों की तरह दूसरे ग्रह के लोगों के पास दूसरों को देने के लिए प्यार नहीं होता। वह धरती पर ही खुश था।
                                                                                                                 -नरेन्द्र देवांगन

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