सरकारी योजनाओं के नाम पर मिली बड़ी घोटाले बाजी, बीईओ ने लगाई फटकार
धमतान साहिब। (सचकहूँ/ कुलदीप नैन) एक तरफ जहां सरकारे, बच्चो को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए बड़े बड़े दावे कर रही है, सुविधाएं दे रही है, बच्चो के भविष्य को सवारने के लिए अनेक योजनाएं लागू कर रही है वहीं दूसरी तरफ धरातल पर कई सरकारी स्कूलों की स्तिथि इसके बिल्कुल उलट नजर आती है। अक्सर देखने मे आता है कि सरकारी स्कूलों में सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं और सुविधाओं के नाम पर जमकर घोटाले बाजी होती है।
कही अध्यापक नही पहुंचते तो कही सरकारी सुविधाएं। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला राजकीय प्राथमिक पाठशाला कान्हा खेड़ा में। हुआ यूं कि सुबह 7.40 बजे ही बीईओ मेडम ज्योति श्योकंद गाँव कान्हाखेड़ा के सरकारी स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गई। जब बीईओ मेडम स्कूल में पहुंची तो वहां मौके पर कोई अध्यापक नही मिला। 8 बजे के बाद एक अध्यापक नानक चंद स्कूल में पहुंचा।
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जब बीईओ मेडम द्वारा स्कूल के रजिस्टर चेक किये गए तो उनमें अनेक तरह की खामियां मिली। रजिस्टर में बीरेंद्र नाम के अध्यापक की लगातार हाजरी मिली जो पीछे कई दिन स्कूल में आया ही नही। इसके अलावा जरूरी स्कूल सर्टिफिकेट पर बच्चो के माता पिता के कही कोई दस्तखत नही मिले। इस मौके पर कान्हा खेड़ा गाँव के सरपँच मनोज शर्मा, पंच व ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे।
सरकारी योजनाओं के नाम पर घोटालेबाजी
स्कूल रिकॉर्ड में 25000 का इन्वर्टर का बिल दिखाया गया है जबकि स्कूल में कही कोई इन्वर्टर बीईओ मेडम को नही मिला। इसके अलावा 8000 का एक लोहे का गेट टॉयलेट पर लगाने का बिल भी रिकॉर्ड में मिला लेकिन जांचने पर वो गेट भी नही मिला। मिड डे मील के चावलों में कीड़े चलते मिले। वही मिड डे मील में दूध का स्टॉक नही दिखाया हुआ जबकि स्कूल में 4 पेटी दूध की मौके पर मौजूद मिली।
रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेज दी-बीईओ
खण्ड शिक्षा अधिकारी ज्योति श्योकंद ने बताया कि वे स्कूल का औचक निरीक्षण करने जब गाँव कान्हाखेड़ा पहुंची तो वहां स्कूल रिकॉर्ड में अनेक खामियां मिली। अध्यापक अपनी ड्यूटी से नदारद मिले। सरकारी योजनाओं में कुछ गड़बड़ी मिली। हमने पूरी रिपोर्ट तैयार करके ऊपर शिक्षा विभाग डायरेक्टर को भेज दी है।
SMC कमेटी के प्रधान ने मौके पर दिया इस्तीफा
एसएमसी कमेटी के प्रधान रामनिवास ने कहा कि स्कूल में जो भी गड़बड़ी मिली है, उसके लिए मैं जिम्मेवार नही हूँ लेकिन कमेटी का प्रधान होने के नाते मैं मौके पर ही अपना इस्तीफा बीईओ मेडम को सौंपता हूं। साथ ही बताना चाहता हू कि स्कूल के सभी बिलो पर दस्तखत मुझे धोखे में रखकर लिए गए है। मुझे इसकी जानकारी नही दी गई।
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