Benefits Of Turmeric Milk: जब भी चोट लगती है तो हमारे घर में दादी या नानी या माँ सबसे पहले (Turmeric Milk Benefits) हल्दी वाला दूध पीने को देतीं हैं। क्योंकि वो जानतीं हैं कि हल्दी के औषधीय और एंटीबायोटिक गुण हमारी चोट को ठीक करने में मददगार हैं। क्या आप जानते हैं कि पश्चिमी देशों में हल्दी वाला दूध गोल्डन मिल्क, turmeric latte के नाम से खूब प्रसिद्धि हो रहा है। Haldi Dudh Ke Fayde
पश्चिमी देश भी benefits of turmeric milk जानने के इच्छुक हैं। भारत के घर घर का रामबाण हल्दी दूध के फायदे और नुकसान क्या हैं ये हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे। हल्दी वाला दूध कब और कैसे पीना चाहिए के साथ हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए। यह भी हम आपको बताएंगे। नीचे दिए पॉइंट्स में जानिए और भी haldi wala dudh के बारे में।
- आयुर्वेद में हल्दी दूध का स्थान
- हल्दी दूध बनाने की विधि
- हल्दी दूध पीने के फायदे
- हल्दी दूध पीने के नुकसान
- हल्दी दूध कब और कैसे पीना चाहिए
- हल्दी दूध किसे पीना चाहिए और किसे नहीं
- तो आइए सेहत के लिए लाभदायक इस चमत्कारी हल्दी वाला दूध के बारे और भी जानकारी लें।
प्राचीन काल से ही भारत देश में हल्दी के दूध का उपयोग किया जाता है। हल्दी दूध के फायदे और नुकसान का उल्लेख हमारे आयुर्वेदिक लेखों में भी मिल है। हल्दी का जिक्र 4000 वर्ष पूर्व से मिलता है। पूर्व काल में हल्दी को डाई के रूप में इस्तेमाल करने का उल्लेख मिलता है। और आयुर्वेदिक उपचार में भी इसका उपयोग किया जाता था। मांगलिक कार्यों में भी हल्दी और उसकी जड़ का उपयोग अब तक किया जाता है।
उसी कड़ी में हल्दी वाला दूध भी उल्लेखित है। ऐसा माना जाता है कि पहले राजा महाराजा इसका सेवन किया करते थे। यानी ये एक राजसी पेय था। समय के साथ हल्दी वाला दूध का महत्व बढ़ गया और जन मानस में प्रचलित हो गया। हल्दी दूध पीने के फायदे और नुकसान हमारे प्राचीन लेखों से समस्त भारतीयों में प्रसिद्ध हुए।
परंतु पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आ कर हम भारतीय अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं। इस लेख के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक धरोहर और उपचारों को फिर से स्मरण करने का अवसर है। तो आगे पढ़ते रहें और जानें haldi wala dudh peene se kya hota hai।
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आयुर्वेद में हल्दी दूध का स्थान | (Turmeric Milk Benefits)
हमारी भारतीय संस्कृति में हल्दी का अलग ही महत्व और स्थान है। पूर्व काल से हल्दी आयुर्वेदिक उपचार के लिए उपयोग में लाई जाने वाली दवा के रूप में इस्तेमाल होती आ रही है। हल्दी की जड़ को कई तरह के उपचारों में इस्तेमाल किया जाता है। इसी प्रकार हमारे आयुर्वेद में हल्दी को अलग अलग औषधियों के साथ संघटित करके कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है। दूध में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। और हल्दी एक नेचुरल एंटीबायोटिक है।
इन दोनो को मिलाने से जो हल्दी दूध बनता है उससे चोट का असर कम होता है। और यहां तक की शरीर के दर्द में आराम भी मिलता है। haldi wala dudh peene se kya hota hai इसका उत्तर आयुर्वेद के पास है। आयुर्वेद के अनुसार हल्दी वाला दूध पीने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली दुरुस्त होती हैं। हमारे जाने पहचाने च्यवनप्राश में भी हल्दी डली होती है। और च्यवनप्राश तो है ही आयुर्वेद का एक चमत्कार। आगे जानिए कि हल्दी दूध बनाने की सही विधि क्या है।
हल्दी दूध बनाने की विधि
हल्दी दूध के फायदे और नुकसान इस बात पर भी निर्भर करता है कि इसे किस विधि से बनाया जाता है। दूध में कच्ची हल्दी मिला कर पीने और हल्दी पका कर पीने के अलग अलग असर होते हैं। हल्दी अधिक गुण करे इसके लिए किसी वसा की आवश्यकता रहती है। आइए जानें हल्दी वाला दूध बनाने की विधि।
विधि: हल्दी वाला दूध बनाने की सबसे आसान विधि है एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाएं और पी लें। इस विधि से पिए गए हल्दी दूध से आपकी पाचन शक्ति बढ़ती है। हल्दी वाला दूध आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
एक पैन में एक गिलास दूध के साथ एक चम्मच हल्दी डालें। फिर उसमे चार से पांच काली मिर्च के दाने डालें। आप चाहें तो काली मिर्च को थोड़े से घी में भून भी सकते हैं। अब इस मिश्रण को चार से छह मिनिट पकने दें। गैस बंद करके इसे छान लीजिए। अब इसको गरम ही पिएं इससे यह ज्यादा लाभ देगा। आप चाहें तो हल्दी के गरम दूध में शहद भी मिला सकते हैं। इससे उसका स्वाद के साथ स्वास्थ के फायदे भी बढ़ जाते हैं। ध्यान रहे को कच्चे दूध में कई प्रकार के बैक्टीरिया पर जाते हैं जो उबलने पर ही मरते हैं। इसीलिए हमेशा हल्दी दूध में उबले हुए दूध का इस्तेमाल करें। दूध गरम ही लें वही हल्दी के साथ गुणकारी होता है।
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हल्दी दूध पीने के फायदे | (Turmeric Milk Benefits)
haldi wala dudh peene ke fayde कई हैं। परंतु यहां हम संक्षिप्त रूप में आपको ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश करेंगे। benefits of turmeric milk जानने के लिए आगे पढ़ें।
सर्दी जुखाम: हल्दी वाला दूध नानी और दादी का रामबाण नुस्खा है। एक छींक आते ही हल्दी का दूध पीने को दिया जाता है। जब भी आपको ठंड ज्यादा लगे तो हल्दी दूध पीने से आप राहत महसूस करेंगे। हल्दी के एंटी बायोटिक और एंटी बैक्टिरियल गुण जुखाम और सर्दी लगने पर आपको उससे निजात दिलाएंगे।
इम्यूनिटी: कोरोना काल में दालगोना कॉफी से ज्यादा लोगों ने हल्दी दूध पिया है। इसका कारण है कि हल्दी वाला दूध इम्यूनिटी को बढ़ाता है। भारत में आज से नहीं अपितु सदियों से हल्दी दूध प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रबल करने के लिए पिया जाता है। इसका मुख्य कारण है हल्दी में कर्क्यूमिन की मौजूदगी। करक्यूमिन शरीर में एंटीबॉडीज का निर्माण करने में सहायक होता है।
ज्वाइंट यानी जोड़ों के दर्द के लिए: बढ़ती उम्र में सबसे पहले जोड़े यानी बॉडी के ज्वाइंट्स ही धोखा देते हैं। खान पान का उचित ध्यान न रख पाना इसका मुख्य कारण होता है। हल्दी वाला वाला दूध गठिया के दर्द में आराम दिलाने में लाभकारी है। हल्दी वाला दूध ज्वाइंट्स में सूजन को कम कर पता है।
अनिद्रा: भागदौड़ का ये अनियमित जीवन आपको चैन से सोने नहीं देता। जीवन की व्यर्थ चिंताएं हों, बच्चों या परिवार की परवाह हो। आपको रात में आराम से नींद लेने नहीं देती। हल्दी वाला दूध का फायदा यह भी है। जी हां रात में सोने से पहले चाहे आधा ग्लास हल्दी वाला दूध पिएं। आप देखेंगे के आप एक मीठी नींद ले पाएंगे। दूध में युक्त मेलाटोनिन हल्दी के साथ मिलके नींद के साथ ही याद्दाश्त में भी सुधार लाता है।
पाचन तंत्र: हल्दी का दूध पीने का फायदा आपको पाचन तंत्र सुधारने में भी मिलता है। हल्दी का दूध आंतो को दुरुस्त रखती है। हल्दी में 2 से 7 प्रतिशत फाइबर होता है। फाइबर से कब्ज की समस्या से निजात मिलती है।
हृदय रोग: हल्दी का गुण होता है शरीर को डिटॉक्सीफाई करना। यानी विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना। हल्दी वाला दूध अपने इस गुण से शरीर से कोलेस्ट्रोल को बाहर निकालता है। जब खून में कोलेस्ट्रोल कम होगा तो हृदय भी स्वस्थ होगा। एक शोध में यह भी पाया गया है कि हल्दी वाला दूध पीने वालों को स्ट्रोक आने की संभावना कम हो जाती है।
मधुमेह या डायबिटीज: रक्त में शर्करा का स्तर जब बढ़ता है तो उस स्तिथि को मधुमेह कहा जाता है। हल्दी वाला दूध पीने का फायदा इसमें मिलता है। यह रक्त में शर्करा के स्तर को एक हद तक कम करने में सक्षम है।
इंफ्लेमेशन: हल्दी और दूध दोनो ही में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। हल्दी वाला दूध शरीर में इंफ्लेमेशन के हर प्रभाव को कम करती है। इसी वजह से हमारे बड़े बूढ़े चोट इत्यादि लगने पर हल्दी दूध दिया करते थे। ताकि कोई सूजन और दर्द हो तो उससे निजात मिल सके। शरीर में दर्द या दुखन को कम करने में भी हल्दी वाला दूध का फायदा होता है।
हल्दी दूध पीने के नुकसान
किसी चीज के इतने फायदे हैं तो नुकसान भी होते ही हैं। हर किसी को एक ही इलाज ठीक करे ये संभव नहीं हो पाता। इसीलिए हल्दी दूध के फायदे और नुकसान दोनों की जानकारी को विस्तारित रूप से यहां मिल सकती है।
कभी कभी हल्दी दूध पीने से नुकसान हो सकता है। तो हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए यानी turmeric milk side effects क्या हैं यह भी जानें।
बच्चों की बात करें तो एक साल से कम उम्र के बच्चों को हल्दी दूध नहीं देना चाहिए। हल्दी की तासीर गर्म होती है जो छोटे बच्चों के लिए हितकर नहीं है। दो साल से छह साल के बच्चे को आप एक चौथाई कप हल्दी वाला दूध दे सकते हैं। परंतु इससे ज्यादा नहीं वरना नाक से नकसीर की समस्या बच्चों में हो सकती है।