यूपी में 4 माह तक रहकर करेंगे शहद का उत्पादन
सच कहूँ/राजू, ओढां। किसान खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन व्यवसाय में रूचि दिखाकर मीठा लाभ उठा रहे हैं। पिछले कुछ समय से लोगों का रूझान इस व्यवसाय की ओर काफी बढ़ा है। व्यवसाय करने वाले लोग कम खर्च से अच्छा मुनाफा कमाकर अपनी आर्थिक दशा मजबूत कर रहे हैं। हालांकि इस व्यवसाय में मई व जून माह में मधुमक्खी पालकों को परेशानी झेलनी पड़ती है, क्योंकि गर्मी के मौसम में मक्खियों को पर्याप्त मात्रा में परागकण कम मिलता है। जिसके चलते मधुमक्खी अंडे देना बंद कर देती है।
मधुक्खी की उम्र मात्र 40 दिन होती है, इसलिए अंडे न देने पर इनकी संख्या कम होने के कारण परेशानी आती है। इस व्यवसाय मेंं अच्छा मुनाफा लेने के लिए क्षेत्र के मधुमक्खी पालकों ने यूपी क्षेत्र में भी कार्य शुरू कर रखा है। क्योंकि यूपी में इस समय काफी हरियाली है जो शहद का उत्पादन बढ़ा रही है। व्यवसायिक करीब 4 माह तक यूपी क्षेत्र में रहकर शहद उत्पादन करते हैं। इस बारे ‘सच-कहूँ’ संवाददाता राजू ओढां ने जब कुछ मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करने वाले लोगों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि किसान खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन अपनाकर दोहरा मुनाफा कमा सकते हैं।
‘‘मैं एक छोटा खेतिहर किसान हूं। परम्परागत खेती में लागत अधिक है व आमदन कम है। जिसके चलते मैंने खेती के साथ कुछ ओर व्यवसाय करने का मन बनाया। मैं पिछले करीब 7 वर्षों से मधुमक्खी पालन का व्यवसाय कर रहा हूं। मैंने इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षण भी प्राप्त किया था। मैंने ये व्यवसाय 30 बॉक्सों के साथ शुरू किया था। अब मेरे पास 600 बॉक्स हैं। मैं हर वर्ष इस व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमा रहा हूँ। सरकार द्वारा सड़कों के किनारे लगाए जाने वाले पेड़-पौधे मधुमक्खी पालन के अनुकूल लगाए जाएं तो ये व्यवसाय करने वाले लोगों को काफी लाभ होगा
जगसीर सिंंह (चोरमार)
‘‘खेती में आमदन कम थी। इसलिए मैंने मधुमक्खी पालन व्यवसाय अपनाया। मैं 3 वर्षों से ये कार्य कर रहा हूँ। मैंने ये व्यवसाय 20 बॉक्स से शुरू किया था और मौजूदा समय में मेरे पास 250 बॉक्स है। मैं इस व्यवसाय को ओर बढ़ाने की सोच रहा हूंँ। मैं हर वर्ष करीब 100 क्विंटल शहद का उत्पादन करता हूं। शहद के रेट थोड़े कम हैं। सरसों की फसल के दौरान उत्पादन ज्यादा होता है। मैं किसानों से यही कहूंगा कि खेती के साथ-साथ इस व्यवसाय को अपनाएं।
सहदेव (बनवाला)
‘‘मैंने खेती के साथ-साथ करीब 3 वर्ष पूर्व मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू किया था। शुरूआती दौर में तो मुझे कुछ परेशानी आई, लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया। मैंने शुरूआत में मधुमक्खियों के 100 बॉक्स के साथ कार्य शुरू किया था। इस समय मेरे पास 280 बॉक्स हैं। इस व्यवसाय में सरकार की योजना के अनुसार करीब 85 हजार रूपये तक अनुदान भी मिलता है। जिसके चलते व्यवसाय में लागत कम है और आमदन अधिक है। अगर किसान की आमदन बढ़ती है तो हर वर्ग को लाभ मिलेगा।
जोनी रोज (नुहियांवाली)
‘‘मैंने 13 वर्ष पूर्व मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू किया था। इसमें किसान को कोई अलग से प्रोजेक्ट लगाने की जरूरत नहीं है। इस व्यवसाय से मैं हर वर्ष अच्छा मुनाफा कमा रहा हूं। शुरूआत में मेरे पास 37 बॉक्स थे और इस समय 550 बॉक्स हैं। मैंने ये व्यवसाय यूपी में भी शुरू कर रखा है। क्योंकि क्षेत्र मेें इस समय फूल वगैरह कम है। यूपी में इस वक्त हरियाली है। मक्खी को बाजरे का पोलन आसानी से मिल जाता है। हर वर्ष करीब 200 क्विंटल शहद का उत्पादन कर लेता हूं।
धर्मवीर (नुहियांवाली)
‘‘सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन की योजना चलाई गई थी। इस व्यवसाय में 2 किश्तों में 85 हजार रूपये की अनुदान राशि मिलती है। ये योजना किसानों के लिए लाभकारी योजना है। इसमें अलग से कोई जगह की जरूरत नहीं है। पिछले करीब 5 वर्षों के अंतराल में लोगों का इस व्यवसाय की ओर रूझान काफी बढ़ा है।
अमीलाल वर्मा, फिल्डमैन (बागवानी विभाग ओढां)
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