Bedsheet Change Time:घर के कमरों को एक आकर्षक लुक देने के लिए डबल बेड या सिंगल बेड पर बेडशीट का अहम योगदान होता है। वहीं अच्छी नींद के लिए भी बेडशीट विशेष स्थान रखती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि अपने बेड पर बिछाई जाने वाली बेडशीट का हमारे स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है? कोई भी इंसान अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहता होगा, लेकिन फिर भी इंसान कहीं न कहीं कोई ऐसी गलती कर बैठता है, जिससे उसकी नींद ही नहीं खराब होती बल्कि उसके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ जाता है।
और वो गलती है बेड पर बिछाई जाने वाली बेडशीट का न बदलना। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्यादा दिनों तक बेड पर एक ही चादर बिछी होने से वह चादर आपके स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है। इससे आपकीे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। आप बदलते मौसम की बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं जैसे सांस की बीमारी, एसीडीटी, त्वचा संबंधी रोग आदि जी हां, बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो सप्ताह में एक या दो बार, यहां तक कि कुछ लोग तो महीनों तक एक ही बेडशीट पर सोते रहते हैं। Bedsheet Change Time
कुछ तो आलसी होते हैं और कुछ बेडशीट की स्थिति अच्छी देखकर उसे बदलने की जहमत नहीं उठाते। वो सोच लेते हैं कि अभी चादर बहुत ज्यादा गंदी नहीं हुई है। अगर आप भी उनमें से ही एक हैं तो शायद आपने कभी महसूस नहीं किया होगा कि समय-समय पर बेडशीट न बदलने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। साथ ही आप मौसम संबंधी बीमारियों, श्वांस रोग, यौन संचारित रोग, स्कीन समस्या, अनिद्रा आदि की समस्या से ग्रसित हो जाते हंै। बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं, जो 3 से 4 सप्ताह में चादर धोने को काफी समझते हंै।
यहां हम बताना चाहेंगे कि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बेड पर एक ही चादर बहुत दिनों तक बिछी रहने से आपके चेहरे पर मुहांसे, एलर्जी, सर्दी और फ्लू से लेकर नींद की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। क्योंकि चादरें कई बार ऐसी गंदगी जमा कर लेती हैं, जिसे आसानी से देखा नहीं जा सकता। बेडशीट पर सोने से डेड सेल्स, धूल, तेल आपको समय के साथ विभिन बिमारियों से ग्रसित कर सकते हैं। इसलिए आपके लिए यह जानना अति जरूरी है कि आपको कितने दिनों में बेडशीट बदल लेनी चाहिए या धो लेनी चाहिए।
जानें एक्सपर्ट की राय:- Bedsheet Change Time
बेडशीट में 7 दिनों में हो सकती है बैक्टीरिया की भरमार-
बायोहैकर , सायकोलॉजिस्ट, एंत्रप्रिन्योर और ग्लोबल स्पीकर टिम ग्रे की इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के अनुसार, निमोनिया और गोनोरिया से जुड़े बैक्टीरिया की बेडशीट में 7 दिनों के भीतर भरमार होने लगती है। इसलिए ज्यादातर लोगों को बार-बार अपनी चादरें बदलनी चाहिए।
एक महीने बाद बेड़शीट बदलने का असर | Bedsheet Change Time
इस संबंध में सेविले यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञान विभाग के एक सर्वे से ज्ञात हुआ है कि उन्होंने माइक्रोस्कोप के तहत 4 सप्ताह पुरानी चादरें देखीं। उन्होंने सैंपल टेस्ट किया। निष्कर्षों से पता चला कि उनमें बैक्टेरॉइड्स थे, जिन्हें निमोनिया, गोनोरिया और एपेंडिसाइटिस से जोड़कर देखा गया। इतना ही नहीं इन गंदी चादरों में फ्यूसोबैक्टीरिया भी पाए गए, जो गले में संक्रमण का कारण बनते हंै। इससे लेमियरे सिंड्रोम और निसेरियासी होता है, जो बाद में गोनोरिया का कारण बनता है।
इतनी बार धोएं चादर
विशेषज्ञों की मानें तो हर व्यक्ति को सप्ताह में दो बार अपनी चादरें धोनी चाहिएं। अगर यह संभव नहीं है, तो सप्ताह में कम से कम एक बार तो चादर जरूर धो लें। क्योंकि हमारा शरीर सोते समय हर दिन 40 हजार डेड सेल्स बिस्तर पर छोड़ता है, जिसमें कई सारे खराब बैक्टीरिया होते हैं। यह सभी बैक्टीरिया हमारी इम्यूनिटी और नींद को खराब करने के लिए जिम्मेदार हैं और जो हमारे स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य और अच्छी नींद के लिए नियमित रूप से अपनी चादर जरूर सप्ताह में एक बार अवश्य धोएं। इसका फायदा यह होगा कि आप बीमारियों से बचे रहेंगे, साथ ही आप चैन की अच्छी नींद भी ले पाएंगे।