Weather Update: हिसार] सच कहूँ/संदीप सिंहमार। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों को छोड़कर राजस्थान, हरियाणा,पंजाब,दिल्ली एनसीआर,उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व गुजरात में अप्रैल महीने में गर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है। पिछले 24 घंटो के दौरान राजस्थान के जैसलमेर में अधिकतम तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो हरियाणा के रोहतक में 43.0 व पंजाब के बठिंडा में 42.9 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा। भारत मौसम विभाग व निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार आगामी दो दिनों में भी इन इलाकों में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होगी। इसके बाद मई महीने की शुरुआत में राहत की बौछार गिर सकती हैं। पिछले एक हफ्ते से राजस्थान में लू का जबरदस्त असर देखा जा रहा है। हालांकि पर्वतीय इलाकों में हुई बारिश और बर्फबारी के चलते तापमान कुछ समय के लिए कम हो गया था। अब एक बार फिर तापमान के तेजी से बढ़ने के आसार हैं, जिससे पश्चिमी राजस्थान व गुजरात के आंतरिक हिस्सों में लू की स्थिति बनी रह सकती है।पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के3 इलाकों में तो गंभीर लू चलने की भी संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवातीय परिसंचरण से बदलेगा मौसम का रुख | Weather Update
पश्चिमी विक्षोभ अब पहाड़ों से आगे बढ़कर पूर्व की ओर जाएगा। इसके साथ ही निचले स्तरों पर एक चक्रवाती परिसंचरण पाकिस्तान के मध्य हिस्से और पश्चिमी राजस्थान के पास बन रहा है। इसके चलते दक्षिण-पश्चिमी हवाएं पाकिस्तान से राजस्थान व गुजरात की ओर आएंगी। पाकिस्तान की ओर से गर्म हवाएं अब राजस्थान और गुजरात में तापमान को और बढ़ाएंगी।
2 से 3 दिनों तक चलेगी लू
राजस्थान के शुष्क इलाकों और गुजरात के अर्ध-शुष्क इलाकों में कई कारकों के मेल से तापमान में तेज बढ़ोतरी होगी। बाड़मेर, जैसलमेर, फलोदी, बीकानेर और जोधपुर जैसे शहरों में तापमान 44.0 से 46.0 तक पहुंच सकता है और 2 से 3 दिनों तक लू की स्थिति बनी रह सकती है। इसके अलावा जयपुर, चुरू, चित्तौड़गढ़, कोटा और गंगानगर में भी लू का असर देखने को मिलेगा।
गुजरात के भी कई शहर लू की चपेट में आएंगे
गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा, अमरेली, राजकोट, सुरेंद्रनग और भुज में भी लू की स्थिति बन सकती है। इन शहरों में दिन में तेज़ गमी के साथ-साथ रातें भी गर्म रहेंगी। अप्रैल के बाकी बचे दिनों में यही हालात बने रहेंगे।
प्री- मानसून से ही मिलेगी राहत
फिलहाल गर्मी से राहत की कोई संभावना नहीं है। राहत की कुछ उम्मीद मई के पहले सप्ताह में की जा सकती है, जब देश के कई हिस्सों में प्री-मानसून गतिविधियां शुरू हो सकती हैं। तब जाकर तापमान में थोड़ी गिरावट और मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।