दीनता-नम्रता के धारणी बनो: पूज्य गुरु जी

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Saint Dr MSG: दीनता-नम्रता के धारणी बनो: पूज्य गुरु जी

सरसा (सच कहूँ न्यूज़)। Saint Dr MSG: सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान जब सभी का भला करने लगता है तो किसी का भला हो या न हो लेकिन उस इन्सान की भावना की वजह से परमपिता परमात्मा उस इन्सान का भला जरूर किया करते हैं। इन्सान के अंदर जैसी श्रद्धा, भावना होती है वैसी ही मालिक की दया-मेहर, रहमत उस पर बरसती है, लेकिन मालिक पर दृढ़-विश्वास होना कोई छोटी बात नहीं है।

पूज्य गुरू जी फरमाते हैं कि आदमी की खुद की कमियां होती हैं जो उसके सामने खड़ी हो जाती हैं। उनकी वजह से वह जैसा खुद होता है उसे सारी दुनिया भी वैसी ही लगती है, लेकिन आप मुर्शिदे-कामिल के वचनों को सुनो और सभी का भला करो। फिर सभी आपके हो जाएंगे। बेगाना कोई भी नहीं है। सभी अपने हैं। बस, किसी को इतना अपना न बनाओ कि सतगुरु, अल्लाह, मालिक को ही भूल जाओ। वो तो रहमत का मालिक है। यह नहीं है कि वह यहां प्रकट होकर ही रहमत बरसाएगा। अगर तड़प हो, दृढ़-विश्वास हो तो बिना प्रकट हुए भी वह बेड़े पार लंघा देगा। पूज्य गुरू जी फरमाते हैं कि इन्सान को अहंकार नहीं करना चाहिए। Saint Dr MSG

दीनता-नम्रता धारण करनी चाहिए कि हम सब एक हैं, सभी मालिक की औलाद हैं। जब आदमी दूसरों की निंदा-चुगली छोड़कर अपने सतगुरु, मालिक पर विश्वास रखता है तो भयानक से भयानक रोग कट जाते हैं। अगर क्यों, किंतु, परन्तु, निंदा-चुगली करते हो तो छोटे रोग भी बड़े बन जाया करते हैं क्योंकि आदमी के कर्म होते हैं। जैसी जुबान का रस है वैसा ही असर होता है। इसलिए अहंकार छोड़कर सभी से बेगर्ज, नि:स्वार्थ भावना से प्यार करो। बड़े हैं तो मां-बाप, बराबर के हैं तो बहन-भाई और छोटे हैं तो बेटा-बेटी के समान वाले रिश्ते से पुकारो। सुमिरन करो तो यकीनन मालिक की दया-मेहर, रहमत के हकदार बन जाओगे। अंदर-बाहर से खुशियां जरूर हासिल होंगी और आपके अंदर-बाहर बहारें खिल जाएंगी। Saint Dr MSG

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