Bar Association Elections: मामला हाईकोर्ट पहुंचा, केविएट लगी
श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। श्रीगंगानगर बार संघ के चुनाव का मामला जोधपुर हाईकोर्ट (Jodhpur High Court) में पहुंच गया है। बार संघ के अध्यक्ष विजय चावला की ओर से हाईकोर्ट में एक कैविएट दायर की गई है। इस मर्तबा के बार चुनाव में प्रैक्टिशनर और नॉन प्रैक्टिशनर एडवोकेट्स के मताधिकार को लेकर बड़ा विवाद उठा हुआ है। हालांकि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव पदों के लिए कुल सात नामांकन पत्र भी दाखिल हो चुके हैं। नामांकन पत्र जांच में सही भी पाए गए हैं। किसी भी उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं लिया है। Bar Association Elections
बीसीआर के निदेर्शानुसार मतदाता सूची को सुधारा गया
हासिल जानकारी के मुताबिक इस मर्तबा सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश और राजस्थान बर काउंसिल (बीसीआर) के निदेर्शानुसार मतदाता सूची को सुधार गया है। विजय चावला द्वारा अध्यक्ष का कार्यभार विगत जनवरी माह में ग्रहण करते ही सात सदस्यीय चुनाव सुधार समिति गठित कर दी थी, जिसने 1-1 सदस्य की छानबीन कर विगत सितंबर माह में रिपोर्ट प्रस्तुत की। समिति ने काफी संख्या में नॉन प्रैक्टिशनर एडवोकेट्स की सूची अलग कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने वन बार वन वोट सिद्धांत प्रतिपादित करने के साथ प्रैक्टिशनर और नॉन प्रैक्टिशनर एडवोकेट्स की परिभाषा भी स्पष्ट की है। इसी के तहत ही काफी संख्या में एडवोकेट्स मताधिकार से वंचित हो गए हैं।
चुनाव सुधार समिति द्वारा दी गई सूची पर चुनाव करवा रही तीन सदस्यीय समिति ने आपत्तियां आमंत्रित करने और उनका निस्तारण करने के पश्चात 928 एडवोकेट्स की मतदाता सूची जारी की है। मोटे अनुमान के अनुसार लगभग 600 एडवोकेट्स मतदान से वंचित हो गए हैं। इनमें लगभग 100 ऐसे एडवोकेट्स भी हैं, जो रेगुलर प्रैक्टिशनर हैं,लेकिन उन्होंने वार्षिक शुल्क जमा नहीं करवाया। लगभग 500 एडवोकेट्स नॉन प्रैक्टिशनर होने के कारण मताधिकार से वंचित किया गया है, लेकिन उनकी बार एसोसिएशन में सदस्यता बरकरार है। यह एडवोकेट्स बस वोट नहीं डाल सकते।
कुछ हाईकोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी कर रहे हैं
जानकारी के मुताबिक मताधिकार से वंचित हुए नॉन प्रैक्टिशनर अधिवक्ताओं में से कुछ हाईकोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी कर रहे हैं। यह अधिवक्ता जोधपुर पहुंचे हुए हैं। इनकी ओर से मताधिकार के लिए याचिका दायर किए जाने की संभावना को देखते हुए बार संघ के अध्यक्ष विजय चावला ने पहले ही जोधपुर में अपने अधिवक्ता के मार्फत कैविएट दाखिल कर दी है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर मताधिकार से वंचित कोई एडवोकेट याचिका दायर करता है तो उस पर कोई निर्णय देने से पहले केविएट के मद्देनजर बार संघ अध्यक्ष के पक्ष को हाईकोर्ट द्वारा सुना जाएगा। विजय चावला द्वारा कैविएट लगाने से मताधिकार पाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाने जा रहे अथवा याचिका लगाने की सोच रहे नॉन प्रैक्टिशनर एडवोकेट्स तथा उनके समर्थकों में खलबली मची हुई है।
कोर्ट-कचहरी में आज जहां एक तरफ उम्मीदवार अपना जनसंपर्क करने में लगे हुए थे, वहीं हाईकोर्ट में याचिकाएं लगने को लेकर भी बहुत चचार्ओं का बाजार गर्म रहा। बार संघ अध्यक्ष ने जोधपुर हाईकोर्ट में अपनी ओर से केविएट लगाने की पुष्टि की है। दूसरी ओर अनेक नॉन प्रोटेक्टशनर एडवोकेट्स ने दबी जुबान में कबूल किया है कि वे मताधिकार के लिए हाईकोर्ट की शरण में जा रहे हैं। उल्लेखनीय की इस बार के चुनाव में प्रैक्टिशनर और नॉन प्रैक्टिशनर एडवोकेट्स की अलग-अलग सूचियां के बनने का मामला पहले दिन से ही बहुत गमार्या हुआ है। Bar Association Elections
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