World Blood Donor Day 2024: सरसा (सच कहूँ/राजेश बैनीवाल)। रक्तदान के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। डेरा सच्चा सौदा से लगातार मरीजों के सम्पर्क के कारण दुर्घटना, थैलेसिमिया व सर्जरी के लिए रक्त की मांग की पूर्ति के लिए ब्लॅड सेंटर की स्थापना की गई। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन कर कमलों द्वारा शाह सतनाम जी स्पैशलिटी अस्पताल सरसा में बापू मग्घर सिंह जी इंटरनेशनल ब्लॅड सैंटर (Bapu Maghar Singh Ji ‘International Blood Center’) की जुलाई 2007 को स्थापना की गई। Sirsa News
थैलेसिमिया व हीमोफिलीया के मरीजोें के लिए उपचार व रक्त है बिल्कुल फ्री
यह भारत का पहला संस्थान है जिसका नाम रक्तदान के क्षेत्र में गिनिज वर्ल्ड एशिया लिम्का, इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। बीटीओ डॉ. प्रदीप अरोड़ा ने बताया कि यहां पर स्वस्थ, एवं स्वैच्छिक रक्तदाता हर समय देश-विदेश में रक्तदान के लिए तैयार रहते हैं। यह ब्लॅड सेंटर उत्तर भारत का अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित एकमात्र व राष्टÑीय मानकों के अनुरूप 24 घंटे टीम वर्क के लिए जाना जाता है। डेंगू रोगियों के लिए मरीजों के लिए प्लेटलेट्स व एसडीपी(स्पैशल डोनर प्लेटलेट्स) की विशेष सुविधा वाला सरसा का एकमात्र ब्लॅड सैंटर है। यहां पर थैलेसिमिया के रोगियों को रक्त व व हीमोफिलीया के रोगियों को क्रायोप्रेसिपिटेट मुफ्त प्रदान किया जाता है।
रक्तदान करने के फायदे
रक्तदान करने से पूर्व आपके स्वास्थ्य की जाँच की जाती है। जिसमें नाड़ी गति, आपके रक्तचाप और वजन की जाँच शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा एवं इसके अलावा रक्त गु्रप की जाँच कर कई बीमारियों जैसे एड्स एवं हैपेटाईटिस बी, सी, सिफलिस एवं मलेरिया आदि रोगों की मुफ्त जाँच की जाती है। रक्तदान करने के बाद बनने वाला रक्त और अच्छा बनता है। रक्तदान से शरीर में जमा अतिरिक्त वसा व आयरन हट जाते हैं। रक्त में आॅक्सीजन बढ़ती है जिससे हार्ट अटैक के चान्स न के बराबर रह जाते हैं। Sirsa News
जानें, कौन कर सकता है रक्तदान…
ब्लॅड सेंटर के टेक्निकल सुपरवाईजर विनोद सहारण ने बताया कि रक्तदान करने के लिए भी हमें कई प्रकार की गाईडलाईन का पालन करना होता है। इनको फॉलो करने पर ही ब्लॅड बैंकों के द्वारा हमारा रक्त लिया जाता है।
- डब्लयूएचओ के मुताबिक स्वस्थ यानी हेल्दी व्यक्ति ही रक्तदान कर सकता है।
- 18 साल से कम और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग ब्लॅड नहीं दे सकते।
- डोनर की पल्स यानी नब्ज 60 से 100 के बीच होनी चाहिए।
- रक्तदान करने वाले डोनर का वजन 45 किलो से अधिक और हीमोग्लोबिन लेवल 12.50 ग्राम से ज्यादा होना चाहिए।
- महिलाएं डिलीवरी के एक वर्ष तक रक्तदान नहीं कर सकती।
- रक्तदान करने के बाद ब्लॅड सर्कुलेशन को नॉर्मल होने में वक्त लगता है इसलिए वर्कआउट या एक्सरसाईज करने से परहेज करें।
रक्तदान के बारे में भ्रान्तियाँ
अक्सर देखा जाता है कि लोग जानकारी के अभाव में रक्तदान करने से बचते नजर आते हैं। उनका मानना होता है कि रक्तदान करने से हमारे शरीर में कमजोरी आ जाती है। लेकिन सच्चाई यह है कि हमारा शरीर 24 से 48 घंटे में रक्त की पूर्ति कर लेता है। Sirsa News
- रक्त देने से मैं कमजोर हो जाऊँगा?
- नहीं रक्तदान करने से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता
- मेरी आयु अधिक है।
- यदि आपकी आयु 18 से 65 वर्ष है और आपका स्वास्थ्य ठीक है तो आप रक्तदान कर सकते हैं।
- मैं तो दुबला पतला हूँ, मुझमें तो रक्त की कमी होगी?
- यदि आपका वजन 45 किलोग्राम है और आप स्वस्थ हैं, शरीर में खुन की मात्रा 12.5 प्रतिशत है तो आप बेझिझक रक्तदान कर सकते हैं।
- रक्तदान का नाम सुनकर घबराहट होने लगती है।
- रक्तदान से कोई शारीरिक कमजोरी नहीं होती। जब तक आप रक्तदान नहीं करेंगे तब तक आप इस मानसिकता से नहीं उठ पाएंगे।
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