राजन 3 साल आईएमएफ के प्रमुख अर्थशास्त्री और 3 साल आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं
हाल ही में ब्लूमबर्ग के सर्वे में उन्हें बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर पद के लिए दूसरा सबसे पसंदीदा बताया गया
लंदन। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर पद के (Bank of England: Rajan did not apply for the post of governor said – I do not have a political understanding there.) लिए आवेदन नहीं दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान राजन ने कहा कि बीते कुछ समय में इंग्लैंड की सेंट्रल बैंकिंग काफी हद तक राजनीति से जुड़ी है और उन्हें इसकी समझ नहीं है। राजन के इस बयान को ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने की प्रक्रिया ‘ब्रेग्जिट’ से जोड़कर देखा जा रहा है।
कार्नी को झेलनी पड़ी है आलोचना
बैंक ऑफ इंग्लैंड के मौजूदा गवर्नर मार्क कार्नी का कार्यकाल 31 जनवरी 2020 को पूरा होगा। ब्रेग्जिट की वजह से कार्नी को कई बार देश की मुद्रा नीतियों को नियमित करना पड़ा। हालांकि, इस पर भी संसद की तरफ से उनको काफी आलोचना का सामना करना पड़ा।
ब्रिटिश न्यूज चैनल बीबीसी से बातचीत में राजन ने कहा, “यह बेहतर होगा कि एक देश के पास ऐसा गवर्नर हो, जो वहां की राजनीतिक स्थितियां बेहतर समझे और सही राह ले सके। साफ है कि मैं एक बाहरी आदमी हूं और मुझे उस देश की राजनीति की भी उतनी समझ नहीं है।”
बूथ स्कूल ऑफ लंदन में पढ़ा रहे हैं राजन
राजन 2003 से 2006 तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के चीफ इकोनॉमिस्ट रह चुके हैं। 2013 में आरबीआई के गवर्नर बनने से पहले उन्होंने भारत सरकार के सलाहकार के तौर पर भी काम किया था। फिलहाल वे अमेरिका के शिकागो में स्थित बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में पढ़ा रहे हैं।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करे।