नयी दिल्ली l पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने इन राज्यों में रैलियों पर लगे प्रतिबंध को 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है। चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राजनीतिक दलों को इस अवधि तक केवल वर्चुअल रैली करने की इजाजत दी गई है। हालांकि पहले और दूसरे चरण में होने जा रहे चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को इस प्रतिबंध में कुछ छूट दी गयी है।
पहले चरण मे राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को प्रचार के लिए 28 जनवरी से आठ फरवरी और दूसरे चरण में एक फरवरी से 12 फरवरी तक खुले मैदान में निर्धारित स्थानों पर प्रत्यक्ष जन सभा की अनुमति प्रदान की गयी है लेकिन इनमे शामिल होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या को 500 या फिर स्थान की 50 फीसदी क्षमता तक सीमित किया गया है।
सत्ताइस जनवरी को पहले और दूसरे चरण में 31 जनवरी को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अंतिम रूप दिया जाएगा। ऐसे में आयोग ने इन चरणो में कोविड बचाव सुरक्षा को ध्यान में रखने की शर्त के साथ सार्वजनिक जनसभाओं की अनुमति देने का फैसला लिया है।
आयोग ने ‘डोर टू डोर’ प्रचार के लिए लोगों की निर्धारित सीमा संख्या को पांच से बढ़ाकर 10 कर दिया है। इसके अलावा आयोग ने कोविड सुरक्षा को सुनिश्चित करने की शर्त के साथ निर्धारित स्थानों में प्रचार के लिए वीडियो वैन को भी अनुमति दी है। इसमें दर्शक संख्या को 500 तक सीमित किया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और चुनावी राज्यों के मुख्य सचिव, प्रमुख स्वास्थ्य सचिवों और इन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आभासी माध्यम से बैठक की। बैठक में सार्वजनिक रैलियों , पदयात्रा , कार मोटरसाइकिल रैली और रोड शो पर प्रतिबंध जारी रखा जाए या खत्म कर दिया जाए इस पर चर्चा की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और प्रमुख स्वास्थ्य सचिवों ने सर्वसम्मति से चुनाव आयोग को बताया की कोरोना संक्रमण की गति अभी कम नहीं हुई है। चर्चा में यह बात उभर कर आयी कि अभी कोई छूट देना सही नहीं होगा।
मौजूदा हालात की समीक्षा के बाद रैलियों पर प्रतिबंध को कम से कम अगले सप्ताह तक बढ़ाने पर सहमति बनी ।
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