सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलेगा एलटीसी-डीए
चंडीगढ़ (सच कहूँ /अनिल कक्कड़)। हरियाणा में नए कर्मचारियों की भर्ती पर एक साल के लिए रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी की सुविधा भी बंद कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सोमवार को यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण सरकार खर्चों में कटौती कर रही है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार अगले कुछ दिनों में राज्य में परिवहन सेवा शुरू करने के भी संकेत दिए हैं। कर्मचारियों को एलटीसी भी नहीं मिलेगा और डीए व इसके एरियर पर भी रोक लगा दी गई है। कर्मचारी चयन आयोग व हरियाणा लोक सेवा आयोग के जरिए पहले से चली आ रही भर्तियों को ही पूरा किया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों को यात्रा करने पर मिलने वाला भत्ता भी आगामी आदेशों तक नहीं मिलेगा। केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए जुलाई 2021 तक रोके जाने की तर्ज पर ही हरियाणा सरकार भी आगे बढ़ेगी। दुष्यंत चौटाला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा कि हरियाणा के रेड जोन जिलों में लॉकडाउन जारी रहेगा। इसके बावजूद राज्य में जो इलाके कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं, वहां गतिविधियां शुरू किए जाने पर विचार किया जा सकता है। दुष्यंत ने कहा कि हरियाणा में कई उद्योगों को चलाया गया है। इन उद्योगों में करीब 73 लाख कर्मचारी काम पर वापस लौटे हैं।
अर्थव्यवस्था को संभालने की तैयारी
सरकार की प्राथमिकता कोरोना से निपटने के साथ ही प्रदेश की वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाना है। सरकार सभी अनावश्यक खर्चों पर भी रोक लगाने जा रही है। इसके पीछे मकसद प्रदेश को और वित्तीय बोझ तले न दबाना है। सरकार को अभी तक कोरोना के कारण लगभग 5000 करोड़ से ज्यादा वित्तीय नुकसान हो चुका है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए जुलाई 2021 तक रोके जाने की तर्ज पर ही हरियाणा सरकार भी आगे बढ़ेगी। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का डीए भी एक साल के लिए रोक दिया गया है। एक साल के बाद इसे सुचारू किया जाएगा। एक साल के डीए का एरियर भी कर्मचारियों को नहीं मिलेगा।
कर्मचारी संगठनों ने सरकार के कदमों का किया विरोध
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री द्वारा एलटीसी बंद करने और एक साल तक नई भर्तियों पर रोक लगाने की घोषणा की घोर निन्दा की व इस निर्णय पर पुनर्विचार कर वापस लेने की मांग की है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा कोरोना योद्धाओं सरकारी कर्मचारियों के ऊपर निरंतरता में किए जा रहे आर्थिक हमलों से ऐसा लगता है कि सरकार ने उनके हौसलों को तोड़ने का पक्का इरादा बना लिया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक साल तक भर्ती बंद करके बेरोजगार युवाओं के रोजगार पाने के अवसरों को समाप्त करने का काम किया है। इस निर्णय से एक तरफ जहां वर्तमान में तैनात कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा और दुसरी तरफ कर्मचारी जनता को बेहतर जन सेवाएं नहीं दे पाएंगे। क्योंकि प्रदेश की जनसंख्या व बढ़े हुए वर्क लोड के अनुसार करीब 5 लाख पद रिक्त पड़े हुए हैं।
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