सराहनीय प्रयास। बलविन्द्र कौर ब्लॉक महिमा गोनियाना की बनी 32वीं शरीरदानी | Body Donate
बठिंडा/गोनियाना मंडी(सच कहूँ/जगतार जग्गा)। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी की पावन प्रेरणाओं पर चलते गांव हरराएपुर की माता बलविन्द्र कौर की मृत देह (Body Donate) मेडीकल रिसर्च के लिए दान किया गया। माता बलवीर कौर को ब्लॉक महिमा गोनियाना की 32वीं शरीरदानी होने का गौरव हासिल हुआ है जबकि गांव का यह दूसरा शरीरदान है।
प्राप्त विवरणों अनुसार जलौर सिंह इन्सां की पत्नी बलजिन्दर कौर (75) जो कि अपनी संक्षिप्त बीमारी के बाद बीती रात मालिक के चरणों में जा बिराजे और उन की अंतिम इच्छा अनुसार परिवार की ओर से पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी की ओर से चलाए जा रहे 134 मानवता भलाई के कार्याें के अंतर्गत परिवार की तरफ से ब्लॉक महिमा गोनियाना की शरीरदान व रक्तदान इकाई के साथ संपर्क करने के बाद आदेश मैडीकल और रिसर्च सैंटर भुच्चो मंडी को माता बलजिन्द्र कौर की मृत देह को दान किया गया।
गांव हरराएपुर में हुआ दूसरा शरीरदान | Body Donate
माता जी की अंतिम यात्रा के दौरान फूलों के साथ सजी हुई एम्बुलैंस को गांव की गलियों में से लेजाते हुए रवाना किया गया। पूज्य गुरू जी के पवित्र वचनों अनुसार महिलाआें को सम्मान देने के लिए किए वचनों अनुसार माता की पोतियां व पुत्रवधूओं की ओर से अर्थी को कंधा दिया गया। उल्लेखनीय है माता बलजिन्द्र कौर का परिवार पिछले चालीस /पचास सालों से डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़ा हुआ है। जो मानवता भलाई कार्याें में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता है। इस मौके ब्लाक के जिम्मेदार, रिश्तेदार और शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादार बहन /भाईयों के अलावा और भी साध-संगत और गांववासी उपस्थित थे।
डेरा सच्चा सौदा की शरीरदान मुहिम प्रशंसनीय : बोबी सिंह
- गांव के प्रसिद्ध नेता और यूथ अकाली दल के अध्यक्ष बोबी सिंह ने कहा कि
डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु जो मर कर भी दूसरों के काम आने के लिए अपना शरीरदान करते हैं। - यह आज के युग में बहुत बड़ी बात है क्योंकि आज के जमाने में कोई भी अपना बाल तक नहीं देता।
- उन्होंने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का धन्यवाद करते कहा कि
धन्य हैं पूज्य गुरू जी जो अपने भक्तों को इस तरह की पवित्र शिक्षा दे रहे हैं। - डेरा श्रद्धालु ही हैं जो जीते जी तो लोगों के काम आते ही हैं और मर कर भी अपना पूरा शरीर मानवता को समर्पित कर देते हैं
- सिर्फ डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू जी की पवित्र शिक्षाओं के साथ ही संभव हो सका है।
गांव हरराएपुर के सरपंच सुखदीप सिंह ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा ने बहुत अच्छी पहल की है जो कि आज बच्चे डॉक्टर बनना चाहते हैं वह इन मृत शरीरों पर अपनी रिसर्च कर अच्छे डॉक्टर बनेंगे।
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