अमेरिका और ईरान में फिर बढ़ेगा तनाव | Qasim Sulemani
बगदाद (एजेंसी)। इराक के बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास अमेरिकी रॉकेट हमले में शिया पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स (पीएमएफ) के उप प्रमुख अबु महदी अल-मुहांदिस की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी। हवाई हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी (Qasim Sulemani) और पीएमएफ के पांच सदस्य सहित सात लोग मारे गए।
कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत से अमेरिका और ईरान के फिर से तनावपूर्ण स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। कासिम सोलेमानी का मारा जाना ईरान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। क्योंकि वह इराक और सीरिया में अमेरिका के हस्तक्षेप के खिलाफ था।
अमेरिका के बड़े दुश्मनों में था शुमार | Qasim Sulemani Killed
दरअसल, सुलेमानी ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स का प्रमुख था। ईरान रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशों में काम करने वाली यूनिट अल कुद्स फोर्स का जिम्मा संभालने वाले कासिम को अमेरिका के बड़े दुश्मनों में शुमार किया जाता था। अल कुद्स फोर्स को ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स का सबसे अहम यूनिट माना जाता है। सुलेमानी साल 2002 में अल कुद्स फोर्स का प्रमुख बना। सुलेमानी को ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनी का करीबी माना जाता था। अमेरिका को लंबे समय से सुलेमानी की तलाश थी।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुलेमानी के मारे जाने की पुष्टि के बाद बिना टेक्स्ट के अमेरिकी झंडे की तस्वीर को ट्वीट किया है। माना जा रहा है कि ट्रंप का इशारा इसी घटना की ओर है। देर रात के इस घटनाक्रम के बाद माना जा रहा है कि पश्चिम एशिया में तनाव परवान चढ़ेगा।
भारत में हमले से भी जुड़ा है कासिम का नाम
साल 2012 में दिल्ली में एक इजरायली राजनयिक के वाहन पर बम अटैक मामले में भी सुलेमानी की सेना अल कुद्स फोर्स का नाम आया था। फरवरी 2012 में दिल्ली में इजरायली राजनयिक के वाहन पर बम हमले के बाद दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह पाया था कि असफल बम हमले में शामिल संदिग्ध आईआरजीसी के सदस्य थे। भारत में हमला उसी समय हुआ था। जब बैंकॉक, थाईलैंड और जॉर्जिया में आईआरजीसी से जुड़े अन्य हमले हुए थे।
कौन था कासिम सुलेमानी
- इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स का मेजर था जनरल कासिम सुलेमानी
- 2002 में बना अल कुद्स फोर्स का प्रमुख
- ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनी का था करीबी
- पश्चिम एशिया में ईरानी गतिविधियों को चलाने की बनाता था रणनीति
- अमेरिका के बड़े दुश्मनों में था शुमार
- सोलेमानी का मारा जाना ईरान के लिए बड़ा झटका
- पश्चिम एशिया में तनाव पनपने का बढ़ा खतरा
- सुलेमानी की मौत के बाद ट्रंप ने ट्वीट की बिना टेक्सट अमेरिकी झंडे की तस्वीर
- साल 2012 में दिल्ली में इजरायली राजनयिक के वाहन पर बम अटैक में भी सुलेमानी की सेना का नाम आया।
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