नागौर। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के मदर एण्ड चाइल्ड विंग में जन्मा एक बच्चा चर्चा का विषय बना हुुआ है। विश्व की दुर्लभतम बीमारियों में से एक कोलोडियन बेबी की हाथ और पैरों की उंगलियां परस्पर जुड़े होने के साथ ही पूरे शरीर पर प्लास्टिक सरीखी स्किन की पर्त चढ़ी हुई है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी छह लाख बच्चों में से एक को होती है। इसमें टरमीटोसिस होता है। इसमें सांस लेने में तकलीफ होती है। इसमें धीरे-धीरे इस तरह की समस्याएं और बढ़ती हैं।
बच्चा फिलहाल चिकित्सकों की निगरानी में है। उधर, बच्चे की इस हालत से परिवार सदमे में है। जिले के निकटवर्ती गुढ़ा भगवानदास गांव निवासी सहदेव के परिवार में पांचवीं बार किलकारी गूंजी लेकिन विशेष प्रकार की बीमारी से ग्रसित बच्चा पैदा होने से परिवार की सारी खुशियां काफूर हो गई।
इस रोग में बच्चे के पूरे शरीर पर प्लास्टिक की परत चढ़ जाती है। धीरे-धीरे यह परत फटने लगती है और असहनीय दर्द होता है। यदि संक्रमण बढ़ा तो उसका जीवन बचा पाना मुश्किल होगा। कई मामलों में ऐसे बच्चे दस दिन के भीतर प्लास्टिक रूपी आवरण छोड़ देते हैं। इससे ग्रसित 10 प्रतिशत बच्चे पूरी तरह से ठीक हो पाते हैं। उनकी चमड़ी सख्त हो जाती है और इसी तरह जीवन जीना पड़ता है।
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