सरसा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां सोशल मीडिया पर छाए हुए है। पूज्य गुरु जी सोशल मीडिया पर लाइव आकर साध-संगत को दर्शन देते हैं और रूहानी वचनों की सौगात देते हैं। पूज्य गुरु जी ने सोशल मीडिया के माध्यम से हर आम जन को नशे जैसी बुराईयों के बारे में अवगत करा रहे हैं।
वहीं सोशल मीडिया पर आई पूज्य गुरु जी के प्यार की इस बाढ़ में गुगल पर भी पूज्य गुरू जी बड़े पैमाने पर सर्च किए जा रहे हैं। जैसे ही आप अपने मोबइल पर गुगल का होम पेज ओपन करेंगे तो आपको होम पेज पहली खबर पूज्य गुरु जी से संबंधित ही मिलेगी। इस रिपोर्ट में हम आपको हम क्रम वाइज गुगल की पोस्ट दिखाएंगे।
सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने वीरवार को शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा (यूपी) से आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से अपने पावन वचनों से निहाल किया। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज का दौर, आज का समय बड़ा ही भयानक है। स्वार्थीपन, गर्जीपन बढ़ता ही जा रहा है। अहंकार में इन्सान अंधा होता जा रहा है। स्वार्थ के बिना कोई किसी से बात करना भी पसंद नहीं करता। ग़र्ज के बिना इन्सान दोस्ती, मित्रता भी नहीं जोड़ता।
वैसे तो कोई भी रिश्ता ऐसा नहीं जिसमें ग़र्ज ना छुपी हो। कहीं न कहीं, कोई न कोई ग़र्ज होती है। बेग़र्ज निस्वार्थ सेवा भावना तो वो ही लोग करते हैं जो ओउम, हरि, ईश्वर, मालिक, राम को मानते हैं। भगवान का नाम लेते हैं, परमात्मा को याद करते हैं, उन्हीं के अन्दर भावना आती है कि निस्वार्थ भावना से समाज का भला किया जाए। आज समय ऐसी करवट बदलता जा रहा है, पानी की बात करें तो पानी कम होता जा रहा है। बिजली, जिसके सुख-सुविधा में इन्सान पड़ा है, वो कोयले खत्म होने की कगार पर जा रहे हैं। और यहां तक कि एक सार्इंटिस्ट से बात हुई, पेट्रोल-डीजल ये भी खत्म होने की तरफ बढ़ रहे हैं। जरा सोचकर देखिए, अगर ये चीजें खत्म हो जाती हैं तो क्या होगा?
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि राम-नाम पर कोई पैसा नहीं लगता। भगवान का नाम बिना दाम के मिलता है। प्रभु का नाम बिना दाम के मिलता है। अनमोल है राम का नाम। अनमोल नाम बिन मोल मिले संतों के दरबार में, पीर-फकीर, हमारे जितने भी संत-महात्मा, महापुरुष हैं या पहले ऋषि-मुनि, संत, गुरु, महापुरुष हुए हैं उन्होंने मालिक का नाम बताया पर बदले में मोल नहीं लिया, क्योंकि अनमोल है प्रभु का नाम। उसका मोल तो चुकाया ही नहीं जा सकता।
संतों को उनके गुरु, भगवान ख्याल देते हैं, फिर वो ये सेवा करते हैं और अनमोल नाम को बिना मोल के, अनमोल गुरुमंत्र को बिना मोल के देते हैं ताकि हर जन इससे फायदा ले सके, अच्छी सोच आए, तभी ये समाज में हो रही बर्बादियों को आप रोक पाएंगे, इनके प्रति सचेत हो पाएंगे और देश और संसार का भला होगा और देश की तरक्की लाजमी होगी। और तभी तो जो भी योजनाएं आपके लिए बनाई जाएंगी राजा-महाराजा, जो भी बनाएंगे, उसका फायदा भी आप ले पाएंगे। लेकिन अगर आप बर्बादी पर तुले हैं तो चाहे कोई भी योजनाएं, कितनी भी बन जाएं, यकीन मानो कोई फायदा नहीं। आप ले ही नहीं पाएंगे फायदा, क्योंकि आप तो बर्बादी पर तुले हैं। तो इसलिए पहले संयम। आत्मबल को पैदा कीजिये, राम-नाम के द्वारा, जैसे ही राम-नाम से आत्मबल जागेगा, आत्मा में शक्ति आएगी, दिमाग में शांति आएगी, तभी आप समाज का और देश का भला कर पाएंगे और अपना भी भला होगा, परिवार का भी भला होगा।
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