सच कहूँ के पत्रकार और 85 मैंबर बहन राजस्थान के सुपुत्र थे आजम सिंह इन्सां
खुईयां सरवर/घड़साना (मेवा सिंह/लखजीत)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु, जहां जीते जी समाज और मानवता की नि:स्वार्थ सेवा में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं, वहीं जीवित रहते किए प्रण के अनुसार देहांत के बाद भी मेडिकल रिसर्च हेतु शरीरदान कर मानवता की ऐसी सेवा कर जाते हैं, जिससे उन्हें हमेशा याद किया जाता है। Body Donation News
इसी क्रम में सच कहूँ के घड़साना से पत्रकार जगरूप सिंह इन्सां और प्रवीण कौर इन्सां, 85 मैंबर राजस्थान निवासी खुईयां सरवर, जो अब घड़साना मंडी राजस्थान में रहते हैं, के युवा सुपुत्र आजम सिंह इन्सां का नाम भी शरीरदानियों व नेत्रदानियों की सूची में शामिल हो गया। वर्णनीय है कि आजम सिंह इन्सां बीती रात अपनी श्वासों रूपी पूंजी को पूरा करके कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा बिराजे थे।
ब्लॉक खुईयां सरवर के 8वें, गांव के 5वें और परिवार से दूसरे शरीरदानी
आजम सिंह इन्सां के मृतक शरीर को फूलों से सजी गाड़ी में रखा गया। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा घर से शुरू हुई, जो गांव खुईयां सरवर की मुख्य गलियों से होकर अबोहर-श्री गंगानगर मार्ग के निकट आकर समाप्त हुई। यहां परिजनों, गणमान्य लोगों, साध संगत तथा शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर कमेटी के सेवादारों ने उनके पार्थिव शरीर को मेडिकल शोध के लिए वर्ल्ड कॉलेज आॅफ मेडिकल साइंस रिसर्च सेंटर एंड अस्पताल, गुरावर झज्जर (हरियाणा) को दान किया। Body Donation News
इससे पहले परिवार ने सचखंडवासी आजम सिंह की आंखें भी दान कीं, जो किसी की अंधेरी जिंदगी को रोशन करेंगी। आजम सिंह इन्सां ब्लॉक खुईयां सरवर के 8वें, गांव खुईयां सरवर के 5वें और परिवार से दूसरे शरीरदानी बन गए हैं। अंतिम यात्रा में शामिल समस्त साध संगत और रिश्तेदारों ने शरीरदानी आजम सिंह इन्सां अमर रहे, अमर रहे, जब तक सूरज-चाँद रहेगा, आजम सिंह इन्सां तेरा नाम रहेगा के नारों से आसमान गूंजा दिया।
पार्थिव शरीर दान करना बहुत ही सराहनीय कदम | Body Donation News
इस दौरान डॉ. सिकंदर सिंह इन्सां ब्लॉक प्रेमी सेवक दोदा ने संक्षेप में शरीरदान करने संबंधी जानकारी दी। इस मौके पर परिवार के साथ दुख सांझा करने वालों में बंता सिंह इन्सां जीएसएम एमएसजी डेरा सचा सौदा बुधरवाली, पंजाब के 85 मैंबर दुली चंद इन्सां, सतीश इन्सां, 85 सदस्य बहन सुरेश रानी इन्सां, रीटा इन्सां, आशा इन्सां, ऋचा इन्सां, नीरू इन्सां, लाभ चंद इन्सां ब्लॉक प्रेमी सेवक, अविनाश इन्सां, राजस्थान के शहर घड़साना, श्री गंगानगर, सूरतगढ़, संगरिया आदि के 85 सदस्यों में गोकल इन्सां, गोपाल इन्सां, मनी राम इन्सां, शिवराज सिंह इन्सां, रमेश इन्सां, दर्शन सिंह इन्सां, कृष्ण इन्सां, जगवीर इन्सां
हरविंदर इन्सां, जगतार सिंह इन्सां, कुलवंत, बब्बू इन्सां, गुलशन इन्सां, सुखविंदर इन्सां, लवप्रीत इन्सां, हरनेक सिंह इन्सां सेवक छायावान समिति, 85 सदस्य बहनों में रानी इन्सां, पुष्पा इन्सां, अंजू इन्सां, ऊषा इन्सां, नीलम इन्सां, कुशालिया इन्सां, ज्योति इन्सां, पल्लवी इन्सां, निर्मला इन्सां, सिमरन इन्सां, संतोष इन्सां, सुमन इन्सां, संतोष इन्सां, सुनीता इन्सां, सिरोज इन्सां मौजूद रहे।
मेडिकल रिसर्च के लिए पार्थिव शरीर को दान करना परिवार का बहुत ही सराहनीय कदम है। पार्थिव शरीर के शोध से लाइलाज बीमारियों के इलाज खोजने में नए चिकित्सक युवा लड़के-लड़कियों को काफी सहायता मिलती है।
डॉ. नीरजा गुप्ता, एसएमओ, अबोहर। Body Donation News