फर्जीवाड़ा कर इलाज कराने वालों की जायदाद होगी नीलाम
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गलत सूचनाएं देने वाले 94 हजार से अधिक परिवारों का हुआ था खुलासा
सच कहूँ/अश्वनी चावला चंडीगढ़। ‘आयुष्यमान भारत योजना’ के तहत फर्जी तरीके से खुद का सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल से इलाज करवाने वाले परिवारों पर अब बेघर होने की तलवार लटक सकती है। क्योंकि हरियाणा सरकार ने इन परिवारों की जायदाद को नीलाम करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस मामले में सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर जल्द ही कार्रवाई शुरू कर देंगे। यह कार्रवाई उन परिवारों के खिलाफ होगी, जिन्होंने फर्जी तरीके से आयुष्मान भारत का कार्ड बनवाने के पश्चात सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों से इलाज की सुविधा लेते हुए लाखों रुपए का क्लेम लिया था। हालांकि किसी भी सख्त कार्रवाई की शुरूआत करने से पहले प्रदेश सरकार की तरफ से इन 30 परिवारों को नोटिस जारी करते हुए तुरंत क्लेम ली गई राशि को वापस लौटाने के लिए कहा था। परंतु प्रदेश सरकार के नोटिस को प्राप्त करने के बाद क्लेम राशि लौटाना तो दूर इन परिवारों ने प्रदेश सरकार को रिप्लाई तक नहीं दिया है। जिसके चलते अब प्रदेश सरकार ने इन सभी परिवारों की जायदाद को नीलाम करने का फैसला कर लिया है।
जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 साल पहले शुरू की गई ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत हरियाणा में 22 लाख से ज्यादा परिवारों ने अपने कार्ड बनवाए थे। आयुष्मान भारत में कार्ड बनवाने वाले परिवारों के लिए कुछ नियम दर्ज हैं और उन नियमों के तहत ही आयुष्मान भारत का कार्ड बनवाया जा सकता है। सख्त नियमों के बावजूद भी हरियाणा में 94 हजार से ज्यादा ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने फर्जी तरीके से आयुष्मान भारत का लाभ उठाने के लिए कार्ड बनवा लिए थे। हरियाणा सरकार ने इन फर्जी कार्ड बनवाने वालों को स्क्रीनिंग दौरान पकड़ भी लिया है। लेकिन इस दौरान 30 से ज्यादा ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने फर्जी कार्ड बनवाने के पश्चात सरकारी व गैर सरकारी हड़ताल में इलाज करवाते हुए क्लेम भी ले लिया है। ऐसे परिवारों को हरियाणा सरकार की तरफ से नोटिस जारी करते हुए क्लेम की राशि वापस करने के आदेश दिए थे, जिसमें से मात्र दो लाख रुपए ही रिकवर हुए हैं, जबकि अभी भी 4 लाख 85 रुपए बकाया खड़े हैं। इन परिवारों की तरफ से रिकवरी का पैसा देने से इनकार किया जा रहा है।
6 लाख 83 हजार 856 की होनी थी रिकवरी, लौटाए सिर्फ 1 लाख 98 हजार 556 रुपए
आयुष्मान भारत के तहत हरियाणा के 30 परिवारों ने 6 लाख 83 हजार 856 रुपए का क्लेम लिया था, जिनके फर्जी कार्ड पाए जाने पर प्रदेश सरकार की तरफ से यह सारा पैसा लौटाने के आदेश जारी किए गए थे। इनमें से मात्र 8 लोगों ने ही 1 लाख 98 हजार 556 रुपए वापस किए हैं। अभी भी 22 लोगों के पास से 4 लाख 85 हजार 300 रुपए की रिकवरी होनी बाकी है। इन लोगों को कई बार नोटिस जारी किया गया है। परंतु इनकी तरफ से कोई भी रिप्लाई नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण ही अब इनके डिप्टी कमिश्नर को आदेश जारी कर दिए गए हैं कि वह इनकी जायदाद की नीलामी करते हुए रिकवरी करें।
जायदाद नीलामी करने के अलावा कोई नहीं है रास्ता
आयुष्मान भारत के डायरेक्टर अशोक कुमार मीणा ने कहा कि जिन लोगों ने फर्जी कार्ड के जरिए इलाज करवाया है, ये लोग अब रिकवरी नहीं दे रहे हैं। इसलिए उनके पास उनकी जायदाद नीलाम करते हुए रिकवरी करने के अलावा कोई भी चारा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में संबंधित डिप्टी कमिश्नरों को आदेश जारी कर दिए हैं और उन्हें लिस्ट भी भेज दी गई है, जिसके तहत वह जल्द ही इन परिवारों की जायदाद को चेक करने के पश्चात नीलामी की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
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